328 समुद्री तटों का अध्ययन करने के बाद वाल्मीकिनगर पहुंचा पंजाबी नागरिक।

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50 वर्षों से पानी के बदले पीते हैं कोल्ड ड्रिंक

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर। पर्यटन नगरी वाल्मीकिनगर में देश-विदेश के नागरिक यहां की सुंदरता और आबोहवा का आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं। किसी को यहां का जंगल, किसी को वन्यजीव, तो किसी को यहां की प्राकृतिक सुंदरता आकर्षित करती है। कुछ ऐसे भी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व है, जो वन एवं वन्यजीवों के बाबत गहराई से अध्ययन करने की इच्छा रखते हैं। उनमें से एक हैं, पंजाब के लुधियाना शहर के रहने वाले अश्वेंद्र सेठी। पंजाबी नागरिक अश्वेंद्र सेठी 109 नेशनल पार्कों व 57 टाइगर रिजर्व के बारे में जानकारी हासिल कर वृत्त चित्र (डॉक्युमेंट्री) तैयार करने के लिए 12 जनवरी से भारत के नेशनल पार्क व टाइगर रिजर्वों के भ्रमण करने के लिए निकले हैं,जो मंगलवार की शाम वीटीआर के बारे अध्ययन करने वाल्मीकिनगर पहुंचे। बुधवार की सुबह अश्वेंद्र सेठी ने जंगल सफारी द्वारा वन भ्रमण किया। जंगल सफारी के पश्चात जंगल कैंप में वनकर्मियों से वीटीआर के बाबत कई जानकारियां हासिल की। वाल्मीकि नगर पहुंचने के दौरान वन विभाग के कर्मियों से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजाति के पेड़ पौधों सहित बाघ, तेंदुआ, हिरण ,सांभर, गौर भालू व पक्षियों के बाबत जानकारी हासिल कर उत्तर प्रदेश के जंगलों में अध्ययन करने के लिए रवाना हो गए। अपने रवानगी से पूर्व पंजाबी नागरिक अश्वेंद्र सेठी में बताया कि हमारा लक्ष्य भारत के जंगलों पार्कों व टाइगर रिजर्व में रहने वाले जीव जंतुओं के बाबत अन्य देशों के समक्ष प्रस्तुत करना है। उन्होंने कहा कि भारत विभिन्नताओं का देश है। भारत की जलवायु, जंगल एवं वन्यजीव अन्य देशों से किस प्रकार भिन्न हैं ,इसको विश्व पटल पर रखना हमारा उद्देश्य है।

328 समुद्री तटों का अध्ययन हो चुका है पूरा

पंजाब के लुधियाना निवासी अश्वेंद्र सेठी ने 2024 में भारत के 328 समुद्री तटों के बारे में अध्ययन करने की बात बताई। उन्होंने कहा कि जितना समय देश के अंदर व्यतीत किया है, उससे हमें बहुत कुछ हासिल हुआ है। इन सभी जानकारी को एकत्रित कर हम एक डॉक्यूमेंट्री तैयार कर “अखंड भारत के विभिन्न सिरमौर” नामक वृत्त चित्र में समाहित करेंगे। इससे हमारे देश की उपलब्धि अन्य देशों में देखी एवं पढ़ी जाएगी। हमारी पुस्तक के प्रथम पृष्ठ पर भारत में पाए जाने वाले वन्यजीवों का चित्र लगा रहेगा,जो भारत के नक्शा के अंदर होगा। बता दें कि अश्वेंद्र सेठी की यात्रा जून महीने के अंतिम सप्ताह में लद्दाख दौर के बाद समाप्त हो जाएगी।

50 वर्षों से पानी की जगह पीते हैं कोल्ड ड्रिंक

भारत के वन एवं वन्यजीव का 12 जनवरी 2025 से अध्ययन करने के लिए निकले लुधियाना के अश्वेंद्र सेठी अपने 55 वर्ष की उम्र में 50 वर्ष से पानी का सेवन नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि 55 साल की हमारा उम्र है, जबकि 50 साल से मैं पानी पीना छोड़ दिया हूं। उसकी जगह कोल्ड ड्रिंक का सेवन करता हूं। कोल्ड ड्रिंक के सेवन से हमें ताजगी और स्फूर्ति का एहसास होता है। जिसके लिए 50 वर्ष पूर्व से हमने पानी पीना छोड़ दिया है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

पंजाब की लुधियाना शहर के रहने वाले अश्वेंद्र सेठी अपने माता-पिता के दो पुत्रों में से बड़े पुत्र हैं। इनकी शादी सरबजीत कौर से लुधियाना में ही हुआ है। उनके दो बेटे हैं। एक बेटा कनाडा के सॉप फैक्ट्री में जीएम के पद पर कार्यरत है। दूसरा बेटा डॉक्टर है। सेठी कंपलेक्स के नाम से लुधियाना बस स्टैंड के पास उनका अपना मकान है। जिसमें परिवार के सभी सदस्य रहते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले महीने केरल में पत्नी और बच्चों से मिला था। जून में घर पर ही परिवार से मुलाकात होगी।

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