हर व्यक्ति के विचार व व्यवहार में सुधार जरूरी है :- पं० भरत उपाध्याय

0
398



Spread the love

चिंताएं चिड़िया जैसी होती हैं, हम उन्हें अपने करीब उड़ने से तो नहीं रोक सकते ,पर घोंसला बनाने से जरूर रोक सकते हैं!जीवन में सब कुछ एक निवेश की तरह ही होता है। प्रेम,समय, साथ, खुशी, सम्मान और अपमान, जितना हम दूसरों को देते जायेंगे, समय आने पर एक दिन वह व्याज सहित हमें अवश्य वापस मिलने वाला है। कभी दुख के क्षणों में अपने को अलग – थलग पाओ तो एक बार आत्मनिरीक्षण अवश्य कर लेना कि क्या जब मेरे अपनों को अथवा समाज को मेरी जरूरत थी तो मैं उन्हें अपना समय दे पाया था.? क्या किसी के दुख में मैं कभी सहभागी बन पाया था.? आपको अपने प्रति दूसरों के उदासीन व्यवहार का कारण स्वयं स्पष्ट हो जायेगा। कभी जीवन में अकेलापन महसूस होने लगे और आपको अपने आसपास कोई दिखाई न दे जिससे मन की दो चार बात करके मन को हल्का किया जा सके तो आपको एक बार पुनः आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है। क्या आपकी उपस्थिति कभी किसी के अकेलेपन को दूर करने का कारण बन पाई थी अथवा नहीं.? आपको अपने एकाकी जीवन का कारण स्वयं समझ आ जायेगा। कथा आती है कि देवी द्रौपदी ने वासुदेव श्रीकृष्ण को एक बार एक छोटे से चीर का दान किया था और समय आने व आवश्यकता पड़ने पर विधि द्वारा वही चीर देवी द्रौपदी को साड़ियों के भंडार के रूप में लौटाया गया। अच्छा – बुरा, मान – अपमान, समय – साथ, और सुख – दुख जो कुछ भी आपके द्वारा बाँटा जायेगा, देर से सही मगर एक दिन आपको दोगुना होकर मिलेगा जरूर, ये तय है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here