हर पौधा पेड़ बनकर प्रकृति की रक्षा करता है -: पं०भरत उपाध्याय।

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बगहा/मधुबनी। राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण और उनके रख-रखाव विषय पर बोलते हुए कहा कि-पेंड़-पौधौं का जीवन में कितना महत्व है, इस भीषण गर्मी में हर व्यक्ति को समझ आ गया है।पर्यावरण संरक्षण हमारे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं का हिस्सा है। देश में तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण वृक्षों को काट देने से वहां रहने वाले पशु-पक्षी अन्यत्र चले गए। प्राचीन समय से पर्यावरण को सुरक्षित रखने केलिए बड़-पीपल जैसे वट वृक्षों को काटने से रोकने के लिए उनकी देवताओं के रूप में पूजा की जाती रही है। आज भी गांवों में लोग बरगद या पीपल का पेड़ नहीं काटते हैं। पर्यावरण पेड़ -पौधों, वायु हमारे आसपास की सभी चीजों से बनता है। इसके अभाव में जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। एक वृक्ष की मनुष्य के दस पुत्रों से तुलना की गई है। अतः प्रकृति और पर्यावरण की अभिरक्षा हेतु हम सभी को संकल्पित और समर्पित होना चाहिए। वृक्षों से ही हमारा पर्यावरण शुद्ध होता है और जीवन संभव हो पाता है। इसके लिए अधिक से अधिक पौधरोपण कर पर्यावरण को बेहतर बनाएं। मैं अपने निवास के चारों ओर ढाई सौ पौधे लगाया हूं, जबकि कालेज के प्रांगण में यह संख्या हजार में है। एक पेड़ रोज 230 लीटर आक्सीजन छोड़ता है, जिससे सात लोगों को मिलती है, प्राणवायु! पेड़ों से हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य अम्बरीष मणि, दिनेश कुमार गुप्ता, आकाश सिंह ने भी अपना विचार व्यक्त किये।

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