दोन नहर की सफाई के नाम पर बड़े पैमाने पर पेड़ों की हो रही अवैध कटाई।

0
57



Spread the love

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह

बेतिया/वाल्मीकिनगर:- दोन नहर की सफाई के दौरान बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटान का मामला सामने आया है। नहर की सफाई के दौरान सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई है, जहां वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौके से नदारद पाए गए। बताते चलें कि एसीपीएल पटना के द्वारा 94 किलोमीटर लंबी नहर की सफाई 55 करोड़ की लागत से जा रही है, जिसमें वर्षों से जमा सिल्ट को हटाया जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो नहर की सफाई के नाम पर अवैध पेड़ कटाई की जा रही है। जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। जैसा कि दोन नहर की सफाई में देखा जा रहा है।

अवैध पेड़ों की कटाई

नहर के किनारे लगे हरे-भरे पेड़ों को धड़ल्ले से काटा जा रहा है, जिससे हरियाली खत्म हो रही है।

प्रशासन की निष्क्रियता

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। या जानबूझकर अनजान बना हुआ है।

पर्यावरणीय क्षति

पेड़ों के कटने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है और प्राकृतिक सौंदर्य कम हो रहा है। नहर किनारे लगे वृक्षों को सफाई के नाम पर काटने का काम जल संसाधन विभाग ने सफाई करने वाले ठेकेदार को दिया है। संवेदक के द्वारा नहर के किनारे लगे वृक्षों को काट रहे हैं। जबकि इन वृक्षों को काटने की न तो जल संसाधन विभाग ने अनुमति ली है और न ही इन वृक्षों से निकली कटी हुई लकड़ी को परिवहन करने की अनुमति ली है।जिसका कोई लेखा-जोखा न तो विभाग के पास है और न ही नहरों की सफाई करने वाले ठेकेदार के पास। इस संबंध में जब अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो जल संसाधन विभाग को गोलमोल जवाब मिला। नहर की सफाई के नाम पर सैकड़ों पेड़ों की बलि ले गई। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने यह कारनामा कर दिया। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पेड़ों की कटाई के लिए सिंचाई विभाग ने न तो वन विभाग से कोई अनुमति नहीं ली। सीधे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है। जल संसाधन विभाग द्वारा वाल्मीकिनगर के 6 आरडी स्थित जीरो आरडी दोन नहर से इनरवा बॉर्डर तक लगभग 94 किलोमीटर सफाई कार्य प्रगति पर है। वाल्मीकिनगर स्थित मुख्य तिरहुत नहर की शाखा दोन कैनाल नहर के बेड में जमा सिल्ट के कारण पर्याप्त मात्रा में पानी का प्रवाह प्रभावित हो रहा था। जिसके कारण इसमें ब्रेड ब्रिज की सफाई स्लोप और नहर के बेड और बांध में हुए कट की मरम्मत के साथ दोनों बेड की साइड बांध पर मिट्टी की भराई की जा रही है। ब्रेड ब्रिज की चौड़ाई लगभग 94 फीट की है। इस कार्य को जून 2026 तक पूरा करना है। इस बाबत वाल्मीकि नगर रेंजर अमित कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन करने के लिए वनपाल को मौके पर भेजा गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं दोन नहर के कार्यपालक अभियंता महेंद्र चौधरी ने दूरभाष पर बताया कि नहर के किनारे उगे झाड़ियों एवं अपरिपक्व पेड़ों को हटाया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here