वाल्मीकि नगर स्थित इंन्डो- नेपाल बॉर्डर की सुरक्षा बढ़ाई गई।

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गंडक बराज सीमा पर सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह

बेतिया/वाल्मीकि नगर। नेपाल में उपजे ताजा विवाद और देशव्यापी प्रदर्शन के बाद वाल्मीकिनगर स्थित भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। बुधवार सुबह से आवाजाही बंद है। यहां से दोनों देशों के बीच वाहनों और पैदल आवाजाही को अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है। हालांकि भारत में रहने वाले और भारत आए नेपाली नागरिकों को पहचान पत्र दिखाने के बाद अपने देश लौटने दिया जा रहा है।नेपाल में हालात बद से बदतर है।

हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा। नेपाल की हिंसा से भारतीय सरहदों को भी खतरा पैदा हो रहा है।अधिकारियों के मुताबिक, खुफिया इनपुट्स में साफ कहा गया है कि नेपाल के हंगामे की आड़ में असामाजिक तत्व हिंसा भड़का सकते हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, भारत-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।बिहार पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान मिलकर बॉर्डर की निगरानी कर रहे हैं, ताकि कोई गड़बड़ी न हो।

गंडक बराज सीमा पर सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद हैं, ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। वहीं स्थानीय लोग परेशान हैं, क्योंकि उनके रिश्तेदार नेपाल में फंसे हैं। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भी नेपाली नागरिकों को अपने देश लौटने दे रही है। अंतरराष्ट्रीय सीमा बंद होने से वाल्मीकिनगर क्षेत्र से होने वाली दैनिक सामान की आपूर्ति भी बंद हो गई है। चावल तेल, साबुन, दाल, नमक आदि वाल्मीकि नगर के दुकानों के माध्यम से नेपाली नागरिकों तक पहुंचता है। नेपाल से मिली जानकारी के मुताबिक नवलपरासी जिले के परासी स्थित जेल से 500 से ज्यादा कैदी सुरक्षा घेरा को तोड़कर भाग गए हैं। कारागार के कर्मचारी किरण अर्याल ने बताया कि जेल में कुल 576 कैदी थे, जिनमें से 500 से अधिक गेट तोड़कर भाग निकले हैं।

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