




जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह
बेतिया/वाल्मीकिनगर। दस दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव की धूमधाम से शुरुआत हो चुकी है। गणेश चतुर्थी के दिन बड़े ही धूमधाम से भगवान गणेश को बेहद सुंदर तरीके से फूल, माला और विद्युत रोशनी से सजाया गया है। गणेशजी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण इस पंडाल में विराजे गणेशजी के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं।
उमड़ रही है भीड़
पूरे वाल्मीकिनगर में गणेशोत्सव का जुनून भक्तों के सिर चढ़कर बोल रहा है। गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिन के बाद अनन्त चतुर्दशी के दिन समापन होता है। यह दिन गणेश विसर्जन के नाम से जाना जाता है। अनन्त चतुर्दशी के दिन श्रद्धालुजन बड़े ही धूम-धाम के साथ सड़क पर शोभा यात्रा निकालते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा का गंडक नदी में विसर्जन करते हैं।परंपरा के अनुसार, भक्त मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं और दस दिनों तक भजन-कीर्तन, पूजा और आरती से वातावरण भक्तिमय बना रहता है। बप्पा को तरह-तरह के व्यंजन और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है और चारों तरफ़ गणपति बप्पा मोरया के जयकारे गूंजते हैं।गणेश पूजन के लिए बुधवार की सुबह कलश यात्रा निकाली गई। इस कलश यात्रा में 551 कन्याएं शामिल हो, नारायणी से जल भरा। इस दौरान गणपति बप्पा मोरया से नारायणी तट गूंजायमान हो गया। इस पूजन उत्सव कार्यक्रम में यजमान की भूमिका निभाने वाले विनोद कुमार ने बताया कि पिछले 10 सालों से इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन वाल्मीकिनगर के शिवपुरी गांव में किया जाता है। सहयोगी के रूप में आनंद कुमार,प्रेम कुमार, योगेंद्र बैठा, विजय कुमार, प्रमोद कुमार, दीपू कुमार उज्जवल कुमार श्रीवास्तव उदय चौधरी सहित वाल्मीकिनगर के अन्य युवा अपना बहुमूल्य समय दे इस कार्यक्रम का अंतिम रूप देते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया जाएगा आयोजन
भगवान गणेश के पूजन कार्यक्रम के दौरान प्रतिदिन सामूहिक आरती का आयोजन किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक दिन पूजा समिति के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन कराने का फैसला लिया गया है। जिसमें क्षेत्र के सभी कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शन करने के का अवसर मिलेगा।