



जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के कौशल विकास केंद्र में बुधवार से शुरू पांच दिवसीय अगरबत्ती निर्माण प्रशिक्षण के दूसरे दिन, प्रशिक्षक संजना कुमारी, देवमणि कुमारी एवं दयानंद महतो की देखरेख में वन विभाग द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कराए जा रहे प्रशिक्षण के दूसरे दिन, प्रशिक्षुओं ने एक हजार डिब्बे तैयार कर दिए हैं। वन विभाग द्वारा यह प्रशिक्षण एक विकास समिति गठित तीन गांव के महिलाओं के लिए कराया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में बुधवार को 42 महिलाएं शामिल हैं, जो गुरुवार को बढ़ाकर संख्या 46 हो गई। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सेट गांव में वन विभाग द्वारा एक विकास समिति का गठन किया गया है। उन गांव के महिला एवं पुरुषों को वन विभाग द्वारा रोजगार मुहैया कराने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। महिलाओं को अपने घर पर रहकर दूसरों को भी रोजगार देने की ख्याल से वन विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन स्व रोजगार से मजबूत हो सके।
— अगरबत्ती के डिब्बे पर रहेगा वीटीआर का लोगो: वन विभाग द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगरबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिलाओं द्वारा बनाए गए अगरबत्ती के डिब्बे पर वीटीआर का लोगो के साथ-साथ, उस ईडीसी गांव का नाम रहेगा, जिस ईडीसी क्षेत्र की महिलाओं द्वारा उसका निर्माण किया गया रहेगा। इस बात की जानकारी प्रशिक्षण दे रहे संजना कुमारी देवमणि कुमारी एवं विनोद महतो ने दिया। इससे स्थानीय क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने की भी संभावनाएं जताई जा रही है।
बोले रेंजर: कौशल विकास केंद्र परिसर में दिए जा रहे अगरबत्ती निर्माण प्रशिक्षण के बाबत रेंजर श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि वन विभाग की तरफ से महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की गई है। टाइगर रिजर्व से सटे जिस गांव में ईको विकास समिति का गठन हुआ है, उस गांव के महिला एवं पुरुषों को विभाग द्वारा विभिन्न रोजगारों से जोड़े जाने का प्रावधान शुरू किया गया है। अगरबत्ती का निर्माण महिलाएं अपने घर पर भी कर सकेंगे। अब उन महिलाओं पर निर्भर करता है कि, वह इस काम में कितनी महिलाओं को अपने साथ जोड़ सकती हैं। इस प्रशिक्षण में ईडीसी अध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय,विनय कुमार महतो एवं टोकेश कुमार का भी सहयोग प्राप्त है।










