बिहार/पूर्वी चंपारण। जानकारी के अनुसार, नरीरगिर चौक से चंपापुर जानेवाली सड़क किनारे आमोदेई निवासी मो. इरशाद का चिमनी ईंट भट्ठा है। इसमें ईंट पकाने के लिए शुक्रवार को आग लगाई गई तो चिमनी का ऊपर वाला हिस्सा अचानक ब्लास्ट कर गया। जीसमें वहां मौजूद दर्जनों लोग बुरी तरह घायल हो गए। आनन-फानन में उन्हें उपचार के लिए रक्सौल एसआरपी अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने पांच लोगों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों में एक चिमनी मालिक मो. इरशाद की पहचान हो पाई है। वहीं, चार अन्य की पहचान की जा रही है। सभी बाहरी मजदूर बताए जा रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा रक्सौल एसआरपी अस्पताल पहुंच चुके है। वहीं, घटना के बाद से स्थानीय प्रशासन भी मौके पर पहुंच चुका है। घायलों के बेहतर उपचार के लिए प्रयास किया जा रहा है। पूर्वी चंपारण की जिला सहायक खनन पदाधिकारी रागिनी कुमारी ने कहा कि घटना की सूचना मिली है। हमलोग घटनास्थल पर जा रहे हैं। उक्त चिमनी विभाग से लिस्टेड है और समय-समय पर राजस्व भी जमा कराया गया है। ऐसी संभावना है कि कोयले की कीमत अधिक होने की वजह से चिमनी संचालक ने लकड़ी और टायर आदि को भी इंधन के रूप में इस्तेमाल किया होगा, जिसके कारण गैस बनने से यह दुर्घटना हुई होगी। यह सब जांच करने का जिम्मा प्रदूषण विभाग का है। घटनास्थल पर पहुंचने और जांच के बाद ही स्थिति कुछ स्पष्ट होगी। वहीं, पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि घटना में कुल 7 लोगों की मौत हुई है। सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। सभी शवों को रात में ही बोर्ड का गठन कर पोस्टमार्टम कराने का आदेश सिविल सर्जन को दिया गया है। घटना में कुछ और लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है। घटनास्थल पर अधिकारियों को रवाना किया गया है। इस मामले में खनन अधिकारी और प्रदूषण बोर्ड से रिपोर्ट मांगी गई है, जो लोग भी जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।