भैरोगंज से राजेश कुमार की रिपोर्ट
बगहा/भैरोगंज। बगहा एक प्रखंड अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय भैरोगंज में बच्चों को पढ़ाने के लिए जर्जर कमरे हैं। जिसमें बच्चों को पठन-पाठन से लेकर विद्यालय से संबंधित सामग्री भी रखी जाती है एक तरफ बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा की बात की जाती है। तो वहीं दूसरी तरफ विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं। तो कहीं जर्जर भवन । विद्यालय में भवन एवं शिक्षक ही नहीं रहेंगे तो बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा कैसे मिलेगी। जिसको लेकर बच्चों के अभिभावक बच्चों की शिक्षा के लिए चिंतित है सरकारी विद्यालय में शिक्षक की कमी रहने के कारण बच्चों को पठन-पाठन बाधित होता रहा है। जिसके कारण अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए निजी विद्यालय का रुख कर रहें हैं। जिसको लेकर निजी विद्यालय के संचालक अभिभावकों कि मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। निजी विद्यालय में मोटी रकम देकर बच्चों को पढ़ाने में मजबूर है। शुक्रवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय भैरोगंज में कुल नामांकन 96 है जिसमें 87 बच्चो कि उपस्थित थी विद्यालय के प्रभारी शिक्षिका आभा पांडेय ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय भैरोगंज में पांच शिक्षक हैं। जो 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए पांच शिक्षक हैं इस विद्यालय में कुल नामांकन 96 बच्चों की है जिसमें शुक्रवार को 87 बच्चो कि उपस्थित हैं विद्यालय में एक से लेकिन पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए जर्जर कमरे के कारण कुछ बच्चों को बरामदे तो कुछ गढ्ढे में तब्दील भवन में बच्चों को बैठा कर पढ़ाया जाता है।विद्यालय के प्रांगण में अभी तक नल जल की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। एक चापाकल, एवं एक बालिका बालक के लिए शौचालय हैं। लेकिन सात निश्चय योजना के तहत शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं कराई गई है। विद्यालय में कमरे के अभाव के कारण जर्जर भवन में बच्चे को बैठाकर पढ़ाया जाता है। कुछ कमरे में विद्यालय से संबंधित सामग्री रखा गया है। विद्यालय के जर्जर भवन के लिए लगभग 10 वर्षों से इसकी शिकायत की जा रही है लेकिन विभाग के द्वारा कोई इस पर पहल नहीं की गई। विद्यालय के प्रधान शिक्षिका कदामनी देवी को जर्जर भवन में नहीं बैठा कर पढ़ाने के लिए आदेश दिया गया है मेरे आने से पूर्व से ही उस विद्यालय का स्थिति बड़ा ही दयनीय है भवन के लिए जवाबदेही मेरी नहीं बल्कि जिला के संबंधित जेई साहब की होती है।