Monday, December 4, 2023
Home पश्चिमी चम्पारण पूर्व प्राचार्य के निजी आवास पर हुआ शिव पुराण कथा का आयोजन।

पूर्व प्राचार्य के निजी आवास पर हुआ शिव पुराण कथा का आयोजन।

-

बगहा/मधुबनी। धुबनी प्रखंड स्थित हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय के निजी आवास पर शिव पुराण कथा के अपने व्याख्यान में कहा कि सत्यम शिवम सुंदरम का संस्कार ही शिव का संसार है,
प्रस्तुत प्रसंग शिवपुराण के रुद्रसंहिता के सृष्टि खण्ड में और श्रीरामचरितमानस में आया है। इस स्तोत्र का उपदेश भगवान् नारायण ने पार्वतीजी को दिया था अर्थात् भगवान् श्रीविष्णु ने भगवान शिव के १०८ नाम माता पार्वतीजी को बतलाए थे।
शंकरप्रिया पार्वती ने भगवान्विष्णु की प्रेरणा से एक वर्ष तक प्रतिदिन तीनों कालों में इसका जप किया जिससे उन्हें भगवान शंकर पतिरूप में प्राप्त हुए और वे उनकी अर्धांगिनी बन गईं।
श्रीरामचरितमानस में एक कथा है कि देवर्षि नारद को काम पर विजय प्राप्त करने से गर्व हो गया था और वह कहने लगे कि शंकरजी ने कामदेव को क्रोध से जला दिया, इसलिए वे क्रोधी हैं, किन्तु मैं काम और क्रोध दोनों से ऊपर उठा हुआ हूँ।परन्तु वास्तविकता यह थी कि जहां पर नारदजी ने तपस्या की थी, शंकरजी ने उस स्थल को काम प्रभाव से शून्य होने का वर दे दिया था।भगवान विष्णु ने नारदजी के कल्याण के लिए अपनी माया से श्रीनिवासपुरी नाम की एक नगरी बनायी जहां पर राजकुमारी विश्वमोहिनी का स्वयंवर हो रहा था। विश्वमोहिनी के रूप से आकर्षित होकर नारदजी भी स्वयंवर में आए,पर भगवान्विष्णु ने स्वयं विश्वमोहिनी से विवाह कर लिया।कामपीड़ित नारदजी को यह देखकर बड़ा क्रोध आया। क्रोध में उन्होंने भगवान्विष्णु को अपशब्द कहे और स्त्री-वियोग में विक्षिप्त-सा होने का शाप दे दिया।तब भगवान ने अपनी माया दूर कर दी और विश्वमोहिनी के साथ लक्ष्मीजी भी लुप्त हो गईं।यह देखकर नारदजी की बुद्धि शुद्ध हो गयी और वे भगवान् के चरणों में गिरकर प्रार्थना करने लगे कि मेरा शाप मिथ्या हो जाए, मैंने आपको दुर्वचन कहे, तब भगवान विष्णु ने नारदजी से कहा कि शिवजी मेरे सर्वाधिक प्रिय हैं।आप शिवशतनाम का जप कीजिए, इससे आपके सब पाप मिट जाएंगे और ज्ञान-वैराग्य और भक्ति सदा के लिए आपके हृदय में बस जायेगी-जपहु जाइ संकर सत नामा।होइहि हृदयँ तुरत विश्रामा।।कोउ नहिं सिव समान प्रिय मोरें।असि परतीति तजहु जनिभोंरे।।जेहिं पर कृपा न करहिं पुरारी।सो न पाव मुनि भगति हमारी।।इस प्रकार नारदजी ने शिवशतनामस्तोत्र का जप किया,जिससे उन्हें परम शान्ति की प्राप्तिहुई। इस अवसर अंतर्राष्ट्रीय मानस वक्ता अखिलेश शांडिल्य ने कहा कि सत्य का श्रवण, कीर्तन, भजन, मनन ,उस पर विश्वास श्रद्धा या उसके अनुसार चलना सत्संग कहलाता है ।जिसका मूल हमारा संस्कार है ।सत्संग का प्रभाव मानव ही नहीं, पशु पर भी पड़ता है सत्य रूपी आत्मा के हम बहुत ही निकट है,फिर भी इसकी खोज मृगके कस्तूरी की भांति बाहरी दुनिया में करते हैं। बाहरी जगत माया है, सत हमारे शरीर के अंदर आत्मा के रूप में है जिसे जान लेना ही शिव दर्शन है।वही पूर्व प्राचार्य ने महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामना व्यक्त किया।

Patna news24 livehttps://patnanews24live.com
Patna news24 live is the no 1 portal to provide you with latest news on Crime, Entertainment, Sports etc.We provide you with the latest breaking news and videos quicker than anyone else in the industry so stay tuned and follow us on Facebook,youtube, Twitter & Instagram
RELATED ARTICLES

शराब कारोबारियों के मंसूबे पर फिरा पानी, पिकअप वैन सहित विदेशी शराब जप्त, चालक फरार।

बगहा/धनहा। बगहा पुलिस जिला अंतर्गत धनहा थाना की पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने बांसी पुलिस चेकपोस्ट पर वाहन जांच के दौरान...

गन्ना लदी ट्रक में बाइक चालक ने मारी टक्कर एक साथ तीन दोस्त की हुई मौत।

बगहा। बड़ी खबर बगहा वाल्मीकि नगर मुख्य मार्ग के मंगलपुर से आ रही है जहाँ तेज रफ्तार बाइक चालक अनियंत्रित होकर सड़क पर खड़े...

खरपोखरा में पुलिस चेक पोस्ट का पुलिस महानिरीक्षक चंपारण क्षेत्र ने किया उद्घाटन।

भैरोगंज से राजेश कुमार की रिपोर्ट.... बगहा/भैरोगंज। सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुस्त करने के लिए पुलिस प्रशासन लगतार प्रयास कर रही है। जिसको लेकर बुधवार...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!