




जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर:- बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में दीदार की हसरत पालने वाले पर्यटकों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। आगामी 15 -20 अक्टूबर के बीच वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल को सैलानियों के लिए खोलने की तैयारी चल रही है। जंगली रास्तों को तैयार किया जा रहा है, इसके साथ ही इको टूरिज्म के तहत संचालित होटलों की साफ-सफाई का काम भी प्रगति पर है। इस बाबत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व डिवीजन 2 के डीएफओ विकास अहलावत ने बताया कि वन विभाग जंगल सफारी सेवा को शुरू करने के लिए तैयारी कर रहा है। मौसम ने साथ दिया तो 15 से 20अक्टूबर के बीच जंगल सफारी सेवा पूरी तरह संचालित हो सकता है। इसको लेकर वीटीआर प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। जंगली रास्तों को दुरुस्त कराया जा रहा है। ताकि सफारी करने वालों सैलानियों को परेशानी न हो।
वीटीआर में आगामी पर्यटन सत्र को देखते हुए वाल्मीकिनगर गोबर्द्वना ,रघिया वन रेंज में जरूरी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विभागीय निर्देश के आलोक में जंगल के भीतर की साफ सफाई का काम प्रगति पर है।
होटलों को भी पर्यटकों के लिए तैयार किया जा रहा है।
पहाड़,नदी व जंगल का अद्भुत नजारा
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सफारी के रास्ते से लंबी घास और झुरमुटों से होते हुए वन्य जीव आसानी से देखे जा सकते हैं। इस जंगल का उत्तरी किनारा नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। जंगल का स्पर्श करते हुए गंडक नदी बहती है। इस वन्य क्षेत्र की हरियाली और खूबसूरती में कई गुना इजाफा करते हुए इसे बेहद आकर्षित बना देती है।
60 से अधिक बाघ
बाघों के लिए बेहतरीन क्षेत्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व परभक्षी जानवरों खासतौर से बाघों के लिए इसलिए भी बेहतरीन क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यहां बाघ की पसंद का वन, दलदली क्षेत्र से लेकर घास के मैदान हैं। इसके अलावा उसके आहार के तौर पर कई प्रकार के हिरण, जंगली सूअर और नील गाय आदि बहुतायात में पाये जाते हैं। वर्तमान में बाघों की संख्या 60 से अधिक है। वीटीआर में बाघ, तेंदुआ, भालू, गौर, हिरण, लोमड़ी, जंगली कुत्ते, किंग कोबरा, अजगर, रसल वाइपर समेत कई अन्य जीव वास करते हैं।
नेचर गाइड की तैनाती
अपनी खूबसूरती के लिए वीटीआर को बिहार का स्वर्ग माना जाता है। पर्यटकों के आवासन व भाेजन तक के बेहतरीन प्रबंध यहां हैं। पर्यटक इस पूरे वन्य क्षेत्र का अच्छी तरह से दीदार कर सकें और उन्हें वन्य प्राणियों के बारे में सही जानकारी मिलें, इसके लिए वीटीआर में नेचर गाइड प्रत्येक पंजीकृत जिप्सी के साथ ले जाने की सुविधा है।
टॉवर के जरिए विभिन्न हिस्सों का दीदार
वीटीआर की गोद में यहां के सभी वन्यजीव अपनी स्वभाविक प्रवृत्ति के अनुरूप अठखेलियां कर सकें और पूरी तरह से महफूज रहें, इसके लिए यहां उनकी सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाती है। ऊंचे-ऊंचे वॉच टॉवर के जरिए जहां पूरे इलाके की निगरानी की जाती है। टॉवर के जरिए पर्यटक भी विभिन्न हिस्सों का बेहतर तरीके से दीदार करते हैं।