




प्रतिबंधित दवा के साथ नेपाल में चार माह पूर्व पकड़ा गया 20 वर्षीय भारतीय युवक हिंसक आंदोलन के क्रम में परासी जेल से भाग पहुंचा गंडक बराज
जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह
बेतिया/वाल्मीकिनगर। नेपाल सरकार के विरुद्ध ऊपजे आंदोलन से हुए हिंसक झड़प के दौरान नेपाल के नवल परासी जेल से फरार एक भारतीय कैदी को सीमा सुरक्षा में तैनात जवानों के द्वारा शुक्रवार की दोपहर गंडक बराज पर पकड़, कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नेपाल पुलिस को सौंप दिया गया। पकड़ा गए युवक की पहचान निसेप कुमार उम्र 20 वर्ष, पिता रवींद्र महतो ग्राम गौरे, पोस्ट दामोदरपुर थाना पिपरा कोठी जिला मोतिहारी के रूप में हुई है। इस बाबत जानकारी देते हुए नेपाल पुलिस के त्रिवेणी चौकी इंचार्ज महेश राय माझी ने बताया कि 20 वर्षीय भारतीय युवक चार माह पूर्व प्रतिबंधित दवाओं के सेवन करने एवं नेपाल में लेकर जाने के क्रम में गिरफ्तार हुआ था। नेपाल प्रशासन द्वारा उसे नवल परासी जेल में रखा गया था। हिंसक आंदोलन के क्रम में अन्य कैदियों के साथ यह भी फरार हुआ था। दूसरे कैदियों के बारे में भी इस युवक से जानकारी ली जाएगी। फिलहाल इस युवक के पकड़े जाने की सूचना नेपाल पुलिस के वरीय अधिकारियों को दी गई है। नेपाल बॉर्डर से यह कैसे भारतीय सीमा में प्रवेश किया यह जांच का विषय है।
आधार कार्ड लेकर पिता गया था पुत्र को लेने
सुरक्षा सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार नवल परासी जेल से फरार 20 वर्षीय निसेप को उसके पिता रवींद्र महतो आधार कार्ड लेकर बॉर्डर पार कर उसको लेने गया था। पुत्र को रिसीव कर लाने के क्रम में भारतीय सुरक्षा कर्मियों को शक हुआ और वह पकड़ा गया। पकड़े जाने के बाद जेल से फरार युवक से सीमा सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने वाल्मीकिनगर थानाध्यक्ष के मौजूदगी में पूछताछ कर कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नेपाल पुलिस को सौंप दिया।
पुत्र को पुनः पकड़े जाते हुए देख मां हुई बेहोश
प्रतिबंधित दवाओं के सेवन व रखने के आरोप में नेपाल जेल में बंद निसेप की मां को जब यह पता चला कि उसका बड़ा बेटा फिर से सुरक्षा कर्मियों के गिरफ्त में आ गया है वह फौरन इंडो नेपाल बॉर्डर एसएसबी चेक पोस्ट पहुंची। वहां बेटे को पुनः पकड़े जाने पर अपने पति और सुरक्षा कर्मियों से बहस करते हुए वह बेहोश हो गई। सुरक्षा कर्मियों द्वारा उसे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया जहां उसका इलाज जारी है।
रवीन्द्र महतो की पारिवारिक पृष्ठभूमि
नेपाल जेल से फरार कैदी निसेप के पिता अपनी पत्नी हेवंती देवी और दो पुत्रों के साथ वाल्मीकिनगर में रहकर इको पार्क के पास चाऊमीन और मोमो का स्टॉल लगाते हैं। वह मोतिहारी के पिपरा कोठी थाना क्षेत्र के गौरे गांव पोस्ट दामोदरपुर के रहने वाले हैं। उनके दो पुत्रों में निसेप बड़ा है। पिता ने बताया कि निसेप पिछले एक वर्षों से नशीले दावाओं का सेवन करता था।प्रतिबंधित दवा सेवन करने के क्रम में नेपाल पुलिस पड़कर जेल भेजी थी। पिछले 4 महीने से वह जेल में बंद था। मुझे पता चला तो मैं आधार कार्ड लेकर उसे लेने के लिए 18 नंबर फाटक पर पहुंचा। उसी क्रम में वह फिर पकड़ा गया।