




शव पहुंचते ही गांव में मचा कोहराम, मां बार-बार हो रही थी बेहोश
जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह
बेतिया/वाल्मीकिनगर। थाना क्षेत्र के चंपापुर गोनौली पंचायत के धंगड़हिया गांव निवासी अनिल मुंडा के 17 वर्षीय पुत्र विवेक कुमार की मौत गुजरात के सूरत में रह रहे मां के घर जाने के क्रम में राजस्थान के भरतपुर जिला अंतर्गत रुदावल थाना के पास ट्रेन से गिरने के बाद हो गई। विवेक अपने चचेरे भाई विक्की कुमार के साथ जा रहा था। विवेक की मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली पूरे गांव में कोहराम मच गया। यह घटना 17 अगस्त की सुबह में घटित हुई है। मृतक विवेक के चचेरे भाई के अनुसार घटना तब घटी जब विवेक अनारक्षित डब्बे के गेट पर बैठा हुआ था। उसी दौरान नींद आई उसके बाद वह गिर पड़ा। विक्की ने बताया कि उसके गिरने के बाद हम कुछ डर गए। डब्बे में बैठे यात्रियों की सहायता से ट्रेन का वैक्यूम किया गया। ट्रेन रुकी उसके बाद लगभग 8 से 10 किलोमीटर दूर से दौड़ते हुए उसे जगह पहुंचा जहां विवेक मरा हुआ पड़ा था।
स्थानीय लोगों की मदद से बयाना स्टेशन के जीआरपी को दी गई सूचना
विवेक के साथ गुजरात जा रहे चचेरे भाई विक्की ने बताया कि स्थानीय लोगों ने बयाना स्टेशन के जीआरपी को घटना के बारे में बताया। रेलवे पुलिस के जवान वहां पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया और स्थानीय रुदावल थाना पुलिस के सहयोग से शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इधर शव को घर लाने के लिए विकी ने अपने चाचा अनिल मुंडा को पैसे की बात बताई। परिजनों ने रुदावल थाना इंचार्ज के अकाउंट में पैसे डाल दिए। पुलिस द्वारा एंबुलेंस से शव को भिजवाया गया। 24 घंटे के अंदर 17 वर्षीय विवेक का शव सोमवार को घर पहुंच गया।
मृतक विवेक के परिवार की पृष्ठभूमि
17 वर्षीय किशोर की मौत हो जाने के बाद परिजनों सहित गांव में कोहराम मच गया। अमृत विवेक के पिता अनिल मुंडा ने बताया कि मेरे दो बेटों में सबसे छोटा विवेक था। मुझे कोई बेटी नहीं है। मेरा छोटा परिवार था। खाने-पीने में किसी प्रकार की कमी नहीं थी। मां की बुलावे पर वह उनसे मिलने के लिए सूरत जा रहा था। बिक्की भी उसके साथ जाने के लिए तैयार हुआ। मेरे कंधे पर बेटे का शव का जाना इससे बड़ा मेरे लिए दुर्भाग्य की बात कुछ भी नहीं है। उसकी मां बार-बार बेहोश हो जा रही है। मां का लाडला और गांव का दुलारा था विवेक।