पहले पेड़ लगाएं, फिर राखी बंधवांए!, राखी के दिन वस्त्र, आभूषण और मधुर वचनों से बहनों को सुशोभित करें! -: पं-भरत उपाध्याय

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प्रख्यात पर्यावरणविद् एवं पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने कहा कि-एक वृक्ष बहना के नाम! पहले वृक्षारोपण करें फिर राखी बंधवांए। उन्होंने कहा कि- संकल्प शक्ति का प्रतीक, रक्षाबंधन के दिन बहन भैया के ललाट पर तिलक अक्षत लगाकर संकल्प करती है, कि मेरा भाई भगवत्प्रेमी बने ।जैसे शिवजी त्रिलोचन हैं ,ज्ञान स्वरूप हैं वैसे ही मेरे भाई में भी विवेक -वैराग्य बढ़े, मोक्ष का ज्ञान, मोक्षमय प्रेम स्वरूप ईश्वर का प्रकाश आए। मेरा भाई धीर- गंभीर हो! मेरे भैया की सूझबूझ, यश, कीर्ति और ओज -तेज अक्षुण्ण रहे ।भाई सोचे कि हमारी बहन भी चरित्रप्रेमी, भगवत्प्रेमी बने। इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र संपूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से मनुष्य रक्षित हो जाता है। रक्षाबंधन के पर्व पर बहन भाई को आयु, आरोग्य पुष्टि की वृद्धि की भावना से राखी बांधती है। अपना उद्देश्य ऊंचा बनाने का संकल्प लेकर ब्राह्मण लोग जनेऊ बदलते हैं। मनु स्मृति के अनुसार भाई और बहन के लिए रक्षाबंधन एक महापर्व की तरह है। रक्षाबंधन भाई और बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन को प्यार के साथ-साथ कई तरह के उपहार भी देता है। मनु स्मृति में तीन ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है, जो घर की महिलाओं को देने से घर में शांति और उन्नति बनी रहती है। यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवताः। मनुस्मृति के अनुसार बहन को तीन चीजें जरूर दें।हर काम में मिलेगी सफलता, होंगे लाभ*पहला- वस्त्र यानी कपड़े। सजना-सवरना, श्रृंगार करना ये सब महिलाओं को सबसे प्रिय होता है। मनुस्मृति के अनुसार, जिस घर के पुरुष अपनी पत्नी, माता या बहन को अच्छे वस्त्र प्रदान करते हैं, उस घर पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं। ऐसे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और सभी कामों में सफलता मिलती है। स्त्री को घर की लक्ष्मी माना जाता है, अगर महिलाएं गंदे या मैले कपड़े पहन कर रहती हैं या घर के पुरुष अपनी पत्नी, मां या बहन को समय-समय पर अच्छे वस्त्र नहीं प्रदान करते तो ऐसे घर पर लक्ष्मी रूठ जाती है। आभूषण यानी गहने। गहने महिलाओं की सबसे प्रिय वस्तुओं में से एक है। जिस घर की महिलाएं खुश रहती हैं, वहां देवताओं का निवास माना जाता है। हर मनुष्य को अपने घर की महिलाओं को सुंदर गहने उपहार में देना चाहिए। जिस घर की महिलाएं अच्छे कपड़े और गहनों से श्रृंगार करती है, वहां कभी दरिद्रता नहीं रहती। ऐसे घर में हमेशा खुशहाली और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। बोलें मधुर वचन-महिलाओं को पूजनीय माना जाता है। कई ग्रंथों और पुराणों में महिलाओं का सम्मान करने की बात कही गई है। मनुस्मृति के अनुसार, जिस घर में महिलाओं से बुरी तरह से बात की जाती है या उनका सम्मान नहीं किया जाता, ऐसे घर में भगवान भी नहीं रहते। स्त्रियों का सम्मान न करने वाले मनुष्य को हर समय किसी न किसी परेशानी का सामान करना ही पड़ता है। इसलिए मनुष्य को हमेशा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और अपने घर की स्त्रियों के साथ हर समय प्रेम और आदर से ही व्यवहार करना चाहिए।

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