अंतिम सोमवारी पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब वाल्मीकिनगर पहुंचे 50 हजार शिव भक्त।

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झमाझम बारिश में पेड़ों के नीचे आश्रय ले पानी और शौचालय के लिए भटकते रहे शिव भक्त

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकि नगर। सावन के अंतिम सोमवारी पर स्नान एवं जल बोझी के लिए शनिवार के शाम से ही कांवरियों का वाल्मीकिनगर पहुंचना शुरू हो गया था। स्थानीय लोगों की माने तो इतनी भीड़ इससे पहले कभी नहीं हुआ। कांवरियों के अधिक संख्या होने के कारण यातायात पर भी असर देखने को मिला। गोल चौक से लेकर टंकी बाजार एवं गंडक बाराज से त्रिवेणी धाम तक कांवरियों की भीड़ से जाम की स्थिति बनी रही। रविवार सुबह से ही त्रिवेणी के संगम में कांवरिये बोल बम की जय घोष के साथ डुबकी लगाने के लिए पहुंचने लगे। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम भी लगातार गंडक नदी में पेट्रोलिंग करने में लगी थी। वाल्मीकिनगर में स्नान एवं जल बोझी के दौरान अभी तक किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। यह अपने आप में सुखद माना जा रहा है। सबसे अधिक शिव भक्तों की भीड़ गोल चौक से लेकर कालीघाट तक देखा गया। जानकारों की माने तो लगभग 50 हजार से ज्यादा शिव भक्त वाल्मीकिनगर जल भरने एवं गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे। जो अलग-अलग स्थान पर आश्रय ले भजन कीर्तन के साथ शनिवार को रतजगा किया। शिव भक्तों में धर्म के प्रति आस्था और विश्वास का अनोखा उदाहरण देखने को मिला। बारिश हो या गर्मी उन्हें किसी प्रकार का कोई दिक्कत महसूस नहीं हो रही थी।

शिव भक्तों को हुई परेशानी

वाल्मीकिनगर की पर्यटन और धार्मिक स्थल के रूप में एक अलग पहचान है। यहां प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में पर्यटक धार्मिक स्थलों का भ्रमण एवं प्रकृति की सुंदरता का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं। बावजूद इसके यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। जिसके कारण आने वाले पर्यटकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मुख्य रूप से यहां सामुदायिक शौचालय व सामुदायिक यात्री शेड की कमी है जिसके कारण शिव भक्तों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। यदि वाल्मीकिनगर में इन सुविधाओं की उपलब्धता हो जाती है तो यहां का परिदृश्य कुछ और हो सकता है।

झमाझम बारिश में पेड़ों के नीचे प्लास्टिक के सहारे शिव भक्तों ने गुजारी रात

सावन के अंतिम सोमवारी पर जल भरने के लिए आए शिव भक्तों को बारिश के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। झमाझम बारिश में शिव भक्त पेड़ों के नीचे प्लास्टिक के सहारे रात गुजारने पर मजबूर थे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि वाल्मीकिनगर आने वाले पर्यटकों के लिए यात्री शेड व सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाए। पेयजल की असुविधा भी यहां की मूल समस्या है। जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।

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