भगवान भक्तों की रक्षा हेतु स्वयं प्रकट होते हैं -: आचार्य नीरज शाण्डिल्य

0
186



Spread the love

मधुबनी। हरदेव प्रसाद इण्टर कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय गुरु जी के प्रेरणा से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा डॉ0 नरेश मिश्र जी के निज निवास पर विगत 17, मार्च से संचालित है। कथा प्रवक्ता आचार्य नीरज शांडिल्य वाराणसी, ने भक्त प्रह्लाद, भक्त ध्रुव,, और राजा बलि की मनमोहक कथा सुनाई। भक्तों की एकाग्रता इस कथा को और सरस बना दिया, श्रेष्ठ कथावाचक आचार्य शांडिल्य ने कहा कि भक्तों की रक्षा के लिए भगवान स्वयं प्रकट होते हैं, जैसा प्रह्लाद, व ध्रुव के साथ हुआ। दूसरा संदेश उन्होंने देते हुए कहा कि परिवार में एक भी व्यक्ति यदि मेरे ठाकुर जी आनंद कंद परमानंद भक्त वत्सल भगवान को अपना बना लेता है तो उसकी पूर्व की पीढ़ियां स्वयं तर जाती हैं। हिरण्य कश्यप, औरउत्तानपाद महाराज का उद्धार मार्ग को इससे जोड़ा, मेरे भगवान् नारायण देवताओं के लिए स्वरूप बदलते हैं और भक्तों की रक्षा करने हेतु स्वयं प्रकट होते हैं । इस दिव्य कथा यज्ञ में श्री धाम वृंदावन से पारायण व्यास, अरविन्द जी तथा यज्ञाचार्य अरुण द्विवेदी जी सह आचार्य मनीष जी महाराज तथा अन्य विद्वान् गण भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं। आशीर्वाद देते हुए पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय गुरु जी ने भी कथा प्रवक्ता की भूरी भूरी प्रशंसा की और बताया कि कितनी सावधानी पूर्वक मंत्रनुसार कथा सुनाई गई, इस कथा से लोगों के जीवन में अवश्य परिवर्तन होता है। परम सौभाग्य से हम सभी को यह प्राप्त होती है। वहीं देर रात तक कथा चलती रही जहां पण्डित छोटे लाल मिश्र, पण्डित मुन्ना मिश्र, बबलू मिश्र जी, प्रदीप मिश्र जी, नीरज मिश्र, तथा यजमान के पुत्रद्वय डॉक्टर व इंजिनियर साहब, भोपाल से आए संबंधी आदि कथामृत पान करनेवाले लोगों ने भी हृदय से प्रशंसा की।सैकड़ों की संख्या में भक्त गण भाव विभोर होकर भगवान के नाम, श्री मन नारायण नारायण नारायण,का संकीर्तन किया। इस अवसर पर श्रेष्ठ क्षेत्रीय आचार्य अमरेन्द्र पांडेय, पण्डित रामनारायण ओझा, पण्डित विजय चतुर्वेदी, रूपेश कुमार, विजय कुमार, आदि ने पूर्व प्राचार्य गुरुजी का आशीर्वाद प्राप्त किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here