गंगा जमुनी संस्कृति को फिर से किया जीवंत, मुस्लिम युवक ने छठ पर्व के लिए तालाब बनाने हेतु दान में दी भूमि।

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मझौलिया से राजू शर्मा की रिपोर्ट…

बेतिया/मझौलिया। मझौलिया पंचायत के मझौलिया गांव बउली छठ घाट के तालाब के लिए समाजसेवी जुबैर खान उर्फ मुन्ना खान ने साढ़े तीन कट्ठा जमीन छठ घाट के नाम पर दान करने के लिए घोषणा किया है।जिससे छठ व्रतियों एवं ग्रामीणों में काफी हर्ष है।छठ व्रतियों ने बताया कि बउली छठ घाट के तालाब में मझौलिया गांव के नालियों का गंदा पानी खुलेआम गिराया जाता है।इस गंदा पानी में ही छठ व्रती पिछले लगभग 10 वर्षों से भगवान सूर्य को अर्घ्य देते आ रहे हैं। बताते चले की तालाब से आ रही बदबू से लोगों का घाट पर बैठना भी मुश्किल हो जाता है। तालाब में गंदा पानी को नहीं डालने के लिए लोगों ने काफी संघर्ष किया लेकिन विकल्प नहीं होने के कारण गंदा पानी को अंततः इस तालाब में ही गिराया जा रहा है।जिसे लेकर मझौलिया गांव निवासी समाजसेवी जुबैर खान उर्फ मुन्ना खान ने गंगा जमुनी संस्कृति को जीवंत करते हुए छठ व्रतियों की समस्या को देखते हुए अपनी साढ़े तीन कट्ठा जमीन छठी मईया के नाम दान देने की घोषणा की है तथा तालाब खोदवाने के लिए हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया है। समाजसेवी मुन्ना खान के इस ऐतिहासिक ऐलान से पूरे ग्रामीणों में हर्ष है।ग्रामीणों में कमलेश साह, मुकेश चौरसिया, अजय सिंह,लालबाबू पटेल, बालेश्वर सिंह,ललन बैठा,जयप्रकाश कुशवाहा, मोहन कुशवाहा, रामदेव शर्मा आदि ने बताया कि लोकआस्था का महा पर्व मनाने के लिए महीना दिन पहले से साफ सफाई करायी जाती हैं। बदबू मारने के लिए तालाब में चूना वगैरह डाला जाता है साथ ही नालियों के गंदा पानी को तालाब में आने से रोक दिया जाता है । इसका परिणाम यह होता है कि नालियों में गंदा पानी इकट्ठा होने लगता है और घरों के अंदर प्रवेश करने लगता है क्योंकि शिवाय इस बउली तालाब के पानी निकासी का दूसरा कोई साधन नहीं है। गौरतलब हो कि छठ पर्व हिंदुओं का पावन और पवित्र पर्व है। छठ व्रती शाम में और सुबह में जल में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं।कोई भी समान पवित्रता के साथ रखी जाती है।लेकिन छठ घाट पर आते ही मन दुखी हो जाता है। बदबूदार पानी के कारण बहुत से श्रद्धालु इस छठ घाट पर पूजा करने नहीं आते हैं।

उल्लेखनीय है कि मझौलिया गांव में काफी ऊंचे पहुंच वाले और संपन्न व्यक्ति रहते हैं लेकिन इस बदबूदार पानी वाले तालाब में ही पर्व करने को विवश है। इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई भी व्यक्ति पहल करने आगे नहीं आता है। हिंदुओं के इस कष्ट को देखकर एक मुस्लिम युवक मुन्ना खान ने ऐतिहासिक कदम उठाया है।इस सराहनीय कार्य के लिए सभी ग्राम वासी मुन्ना खा को दिल से धन्यवाद दे रहे हैं।छठ व्रतियों के लिए मुन्ना खा मसीहा बनकर उभरे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब गंदे और बदबूदार पानी के अंदर व्रतियों को खड़ा होकर अर्घ नहीं देना पड़ेगा।
मुस्लिम युवक मुन्ना खान की इस श्रद्धा भक्ति को देखकर हर कोई भाव विभोर हो रहा है तथा हृदय की अनंत गहराइयों से उनकी भक्ति भावना के जज्बे को सलाम कर रहा है।
बताते चले की समाजसेवी मुन्ना खान द्वारा ए एच होली मिशन स्कूल भी संचालित किया जाता है जिसमें बहुत से अनाथ गरीब और लाचार बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है।ऐतिहासिक कदम उठाने वाले समाज सेवी मुन्ना खान का कहना है कि सभी धर्म शांति एकता प्रेम भाईचारा सांप्रदायिक सौहार्द परस्पर सहयोग का संदेश देते हैं। मानव को घृणित मानसिकता से ऊपर उठकर समाज सेवा करनी चाहिए क्योंकि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।

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