इंदिरा आवास योजना से बने मकान तोडने से पहले दोषी अधिकारियों पर होनी चाहिये कारवाई।
ठकराहा से बलिराम राम की रिपोर्ट____
बगहा/ठकराहा। ठकराहा अंचल क्षेत्र में अवस्थित खाता 8 खेसरा 2015 समेत अंचल क्षेत्र के तमाम आम गैर मजरुआ भुमी से अतिक्रमण हटाने का आदेश उच्च न्यायालय ने दिया है जिसके आलोक में ठकराहा अंचल प्रशासन के द्वारा खेसरा 2015 में अवस्थित सैकडों दुकानदार समेत दर्जनों पक्के मकान स्वामियों को नोटीस जारी कर चुका है उक्त खेसरा में दुकान के अलावा लोगों का इंदिरा आवास भी बना है.यदि उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन हुआ तो लगभग 40 वर्षों से इस जमीन पर रह रहे सैकडो परीवार बेघर व बेरोजगार हो जायेगे। अब देखना होगा की अतिक्रमण हटाने के दौरान इंदिरा आवास के मकान को भी तोडा जायेगा. सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर जब इंदिरा आवास पास हुआ तो उसे बिहार सरकार की जमीन पर ही बनाने के लिए दिया गया था या लाभार्थियों द्वारा गलत तरीके से सरकारी जमीन पर बना लिया गया.इसकी जांच होनी चाहिये. प्रखंड अधिकारी के माने तो कभी भी इंदिरा आवास पास होता है तो उसमें लाभार्थी द्वारा निजी जमीन या भूमिहीन होने पर पट्टे का विवरण देना पड़ता है. लेकिन, किस तरह से दर्जनों लोग सरकारी जमीन पर इंदिरा आवास बना लिये. यह जांच का विषय है.गौरतलब है कि अतिक्रमण हटने के बाद काफी लोग बेघर हो जायेगे। इस अतिक्रमण वाद में जो घर तोडे जायेगे.वह इन्दरा आवास सरकारी जमीन में कैसे बना. अंचल कर्मियों व आवास सहायक के द्वारा बरती गई घोर लापरवाही के कारण सरकार द्वारा लाखों खर्च कर बनाये गये इंदिरा आवास को अतिक्रमण हटाओ अभियान में तोड़ा दिया जायेगा। इससे सरकार का लाखों रुपये का नुकसान होगा।जबकि इन्दिरा आवास बनने से पहले जमीन की जांच अंचल कर्मी तथा आवास सहायक करते है तब जाकर आवास के पैसे का भुगतान किस्तों में होता है. यहां तो सरकारी जमीन में ही मकान बना दिये गये है।गरीबों के घरो पर बुलडोजर चलने से पहले लापरवाही बरतने वाले कर्मीयो व अधिकारियों पर भी जांच कर कारवाई होनी चाहिये जिनके लापरवाही के कारण उक्त खेसरा में बसे गरीब व मजदूरों तबके के लोगों को 40 वर्षों के बाद बेघर होने की चिन्ता सता रही है,इस अतिक्रमण का असल दोषी कौन है. लाभार्थी या अधिकारी यह तो जांच के बाद ही मालूम होगा. फिलहाल सैकडे लोग प्रतिदिन अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे है ताकि सर से छत न उजड जाये।शुक्रवार को सैकडों लोगों ने पुर्व जिला पार्षद जुनैद खान के अगुवाई में अंचलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर दुकान व मकान न तोडने की गुहार लगाया है।