बेतिया। नगर निगम के वार्डों में मैनुअल सफाई में सैकड़ों सफाई मजदूरों की संख्या के आधार पर लाखों के भुगतान होने को लेकर सोशल मीडिया में बवाल के बीच नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने सफाई एजेंसी “पाथेया” की रिपोर्ट को निराधार व अनर्गल करार दिया है। श्रीमती सिकारिया ने मैनुअल नाला सफाई में लगे सैकड़ों सफाई मजदूरों की संख्या के आधार पर कथित रूप से लाखों के भुगतान के आरोप बेबुनियाद और बिना सिर पैर वाली बात करार दिया है। अपने संबंधित बयान में महापौर ने कतिपय माननीय और अन्य द्वारा लगाए जा रहे आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण और गलत करार दिया है। उनका कहना था कि कुछ माननीय सदस्यगण भी सोशल मीडिया पर इसको उछाल कर दिग्भ्रमित प्रचार कर रहे हैं, जबकि महापौर पद पर उनके स्थापन से पूर्व ही नगर निगम प्रशासन के स्तर से “पाथेया” नाम की सफाई संस्थान से अनुबंध कर लिया गया था। उक्त सफाई एजेंसी के माध्यम से कचरा का उठाव और नालों की सफाई अनुबंध के आधार पर होती है। अनुबंध के शर्त में निगम क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाले कचरे एवं गाद के लिए प्रति मिट्रिक टन के वजन के हिसाब से भुगतान किया जाता है, लेबर की संख्या के हिसाब से भुगतान नहीं होता है। मजदूर लगाने और सफाई संसाधन की जिम्मेदारी अनुबंधित एजेंसी “पाथेय” की है। कुछेक लोगों द्वारा मेरी सेवा, जनता के प्रति समर्पण और ईमानदारी पर सवाल उठाए जाने पर मुझे बड़ी पीड़ा हो रही है। ऐसे में आज कहना पड़ रहा है कि हमारे नगर निगम क्षेत्र के आदरणीय जनता जनार्दन ही गवाह हैं कि क्या मेरे कार्यकाल की 2017 में शुरुआत से पहले मामूली सी बारिश में ही प्रायः पूरा शहर लबालब हो जाता था। अब बहुत ज्यादा बारिश में भी पानी तो लगता है लेकिन एक दो घंटे में निकल भी जाता है। अब मैं अपने मतदाता मालिक से भी आज सवाल करना चाहुंगीं कि क्या 2017 के पहले ऐसी सफाई अपने पूरे शहर में होती थी? हर वार्ड में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन हो रहा था क्या? हां एक बात मैं आज अपनी पूरी ईमानदारी के साथ स्वीकार करना चाहूंगी कि तत्कालीन नगर परिषद के सभापति पद से मुझको षड्यंत्र पूर्वक हटा दिए जाने एवं अब मेरे मेयर बनने के बाद अनेक स्तरों पर षड़यंत्र रचा जा रहा है और मुझे राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया जा रहा है ताकि मेरी छवि धूमिल हो। स्टील डस्टबिन, ई-रिक्शा, मैजिक भान, पेंटिंग आदि सब मेरे चुनाव से भी पहले की प्रशासक के द्वारा की गई खरीदारी या कृत्य है। क्योंकि यह सब ना मेरे कार्यकाल में हुआ है, ना ही इसमें मेरी कोई भूमिका है। यह सब कृत्य 2020 में मुझे सभापति पद से हटाने एवं 2023 में मेरे मेयर बनने के बीच का है। साथ ही अनुबंधित सफाई एजेंसी “पाथेया” के द्वारा 31 मई 2023 को बोर्ड की सामान्य बैठक में एक अनर्गल और गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एजेंसी के संयोजक से जवाब तलब करने की कार्रवाई भी शुरू की जा रही है। जल्दी ही ढेर सारे भ्रष्ट और षड्यंत्रकारी बेनकाब होंगे। श्रीमती सिकारिया ने अपने शुभचिंतक और नगर निगम के मतदाता मालिक से कहा है कि आप अपनी ‘गरिमा’ पर विश्वास और भरोसा कायम रखें। आपको कभी भी मैं अफसोस या पश्चाताप का मौका नहीं दूंगी।