पश्चिम बंगाल की लोक गायिका सतरूपा दास ने वीटीआर की खुबसूरती का किया दीदार।

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वाल्मीकिनगर के दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचे बंगाली कलाकारों ने जल जंगल पहाड़ के अद्भुत मिश्रण देख हुए निहाल

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर:- बिहार का कश्मीर कहे जाने वाला वाल्मीकिनगर वर्तमान में पर्यटकों के बिना सुनसान पड़ा हुआ है।इसका कारण पर्यटन सत्र का समापन अवधि है। इसी बीच पश्चिम बंगाल के नादिया जिला निवासी लोक गायिका सतरूपा दास एवं सहयोगी कलाकारो ने गूगल द्वारा पर्यटन स्थलों का जानकारी हासिल कर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के उपलब्धियों के बारे में जाना, और अपने सहयोगियों मलय सरकार,संकलन देव व गौतम चक्रवर्ती के साथ दो दिवसीय प्रवास पर वन विभाग के जंगल कैंप पहुंच यहां की खुबसूरती का भरपूर आनंद लिया।चारो बंगाली कलाकारों ने अपने साथ वाद्ययंत्र और भोजन बनाने का सामान लेकर अपनी यात्रा पर निकले हुए थे। सतरूपा दास ने बताया कि लोक जीवन से जुड़े ये लोक गीत हमारी संस्कृति की ही संगीतमय अभिव्यक्ति हैं। इन गीतों के जरिए कोई भी इंसान जीवन से सीधे जुड़ जाता है, चाहे वह दुनिया के किसी कोने में हो। वह सहज ही पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना से सहज जुड़ जाते हैं। वाल्मीकिनगर की सुंदरता और यहां का वातावरण दोनों अविस्मरणीय है। यहां के लोग सौभाग्यशाली हैं, कि ऐसे वातावरण में रहते हैं। हम जो सोच कर आए थे वहीं देखने को मिला। हमें जंगल सफारी से मरहूम रहना पड़ा।इसके लिए हम दो महीने बाद फिर आएंगे और जंगल सफारी कर वन्यजीवों का दीदार करेंगे।

लोक गायिका सतरूपा दास और गायक मलय सरकार दोनों पति-पत्नी है, और पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन शिक्षक के रूप में नादिया जिले में कार्यरत है। मलय सरकार ने बताया कि लोक गीत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हम लोग यात्रा पर निकले हैं । यह एक सांस्कृतिक पहल का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य लोक संगीत को पुनर्जीवित करना और उसे आधुनिक पीढ़ी तक पहुंचाना है। हमारा उद्देश्य लोक संगीत और युवा पीढ़ी के बीच एक सेतु बनाना है, ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़ सकें।

सांस्कृतिक जागरूकता

टीम का लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों और परंपराओं के लोकगीतों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता के प्रति सम्मान और प्रशंसा को बढ़ाना है।

संग्रह और संरक्षण

लोक संगीत में निहित कहानियों और स्मृतियों को सहेजने का प्रयास किया जाता है, जो हमारी अमूर्त विरासत का हिस्सा हैं।प्रत्येक साल हम अपनी टीम के साथ प्रत्येक राज्य का भ्रमण करते हैं। भ्रमण करने के दौरान डॉक्यूमेंट्री तैयार कर विश्व पटल पर रखने का काम करते हैं। वाल्मीकि नगर आने के बाद हमें यह महसूस हुआ कि डॉक्यूमेंट्री तैयार करने के लिए इससे अच्छा जगह अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा। इसके लिए हम 2 महीने बाद फिर आएंगे।

जंगल के वनस्पतियों एवं पेड़ों के बाबत ली जानकारी

पश्चिम बंगाल से आए लोक गायिका और गायकों की टीम ने जंगल कैंप में कार्यरत कर्मियों से जंगल के विभिन्न वनस्पतियों एवं कीमती पेड़ों के बाबत जानकारियां हासिल की। किस पेड़ और पौधे का क्या महत्व है इसके बाबत जानकारी जुटाने के लिए उन लोगों ने कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान जंगल कैंप में बंगाली कलाकारों ने गिटार और अन्यवाद्य यंत्र की थाप पर मधुर गीत एवं संगीत की प्रस्तुति कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।

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