बेतिया/मोतिहारी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भारतमाला परियोजना अंतर्गत फोरलेन गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। कुल 519.500 किमी लंबाई का यह एक्सप्रेस वे गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) से आरंभ होकर कुशीनगर जिला होते हुए पश्चिम चंपारण जिला के बैरिया प्रखंड के समीप बिहार में प्रवेश करेगा। गंडक नदी पर 10 किमी लंबा पुल बनेगा एवं पश्चिम चंपारण के 12 किमी के बाद पूर्वी चंपारण में प्रवेश करेगा। बिहार के आठ जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज से गुजरते हुए यह एक्सप्रेसवे सिलीगुड़ी तक जाएगी। बिहार में इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 416 किमी होगी। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी चंपारण जिला के पहाड़पुर अंचल के बिरती टोला से प्रवेश कर पहाड़पुर, हरसिद्धि, तुरकौलिया, पीपराकोठी (जीवधारा), पकड़ीदयाल, पताही एवं फेनहारा प्रखंड के कुल 64 गाँवों से होकर गुजरेगी। पूर्वी चंपारण जिले में इसकी कुल लंबाई 72 किमी होगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है। साथ ही डीपीआर भी तैयार किया जा रहा है। इस परियोजना के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रण करने का लक्ष्य “फरवरी, 2024 तक रखा गया है। गोरखपुर- सिलीगुडी एक्सप्रेसवे के निर्माण होने से सिर्फ बिहार के सीमावर्ती जिलो की ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के भी कनेक्टीवीटी अच्छी एवं सुगम हो जाएगी। मोतिहारी से सिलीगुड़ी की दूरी मात्र चार घंटे में तय की जा सकेगी, जिसे पूरी करने में अभी लगभग 12-14 घंटे लग जाती है। मोतिहारी से गोरखपुर की भी दूरी घटकर सिर्फ 130 किमी तक रह जाएगी।