



बेतिया /मझौलिया से राजू शर्मा की रिपोर्ट ।।
बेतिया/मझौलिया। मझौलिया शुगर इंडस्ट्रीज ने अपने पूर्व घोषित वादों को पूरा करते हुए एक बार फिर गन्ना किसानों का भरोसा मजबूत किया है। पेराई सत्र 2025-26 की शुरुआत के साथ ही चीनी मिल प्रबंधन ने जिन सुधारों और विस्तार योजनाओं की घोषणा की थी, वे अब तेजी से धरातल पर उतर रही हैं। चीनी मिल के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) उदयवीर सिंह, महाप्रबंधक गन्ना (जीएम केन) शैलेन्द्र कुमार त्रिपाठी तथा मुख्य गन्ना प्रबंधक (चीफ केन मैनेजर) अखिलेश प्रसाद सिंह ने पिछले महीनों में किसानों से यह आश्वासन दिया था कि मिल की पेराई क्षमता को बढ़ाया जाएगा, ताकि किसानों को अपनी गन्ना उपज की आपूर्ति में किसी प्रकार की देरी या परेशानी का सामना न करना पड़े। आज मिल प्रशासन उस वादे पर सफलतापूर्वक खरा उतरता दिखाई दे रहा है।
मिल प्रबंधन के अनुसार 27 नवंबर तक किसानों द्वारा आपूर्ति किए गए गन्ने का भुगतान उनके बैंक खातों में भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। भुगतान की यह समयबद्ध प्रक्रिया किसानों की आर्थिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए तेज़ी से पूरी की जा रही है। इससे किसानों में खुशी और संतोष का माहौल देखा जा रहा है, क्योंकि समय पर भुगतान उनके लिए गन्ना खेती का सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है।

वहीं, मझौलिया चीनी मिल ने अपनी पेराई क्षमता को बढ़ाकर प्रतिदिन 60 हजार क्विंटल तक पहुँचा दिया है। पेराई क्षमता बढ़ने का सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है, क्योंकि अब गन्ना लदी गाड़ियों को मिल परिसर में अधिक समय प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ रही। पहले जहां गाड़ियों को खाली होने में काफी विलंब होता था, वहीं अब 7 से 8 घंटे के भीतर गाड़ियों को खाली कर दिया जा रहा है। इससे किसानों का कीमती समय बच रहा है तथा उनकी लागत और मशक्कत दोनों में कमी आई है।गन्ना प्रबंधक (चीफ केन मैनेजर) अखिलेश प्रसाद सिंह ने गन्ना किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वे साफ-सुथरा और अच्छी गुणवत्ता वाला गन्ना आपूर्ति करें, जिससे मिल की कार्यक्षमता और चीनी उत्पादन की गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा। उन्होंने किसानों द्वारा मिल को मिल रहे निरंतर सहयोग के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि भविष्य में भी मिल उनकी सुविधा और हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती रहेगी। समग्र रूप से देखा जाए तो मझौलिया शुगर इंडस्ट्रीज ने अपने वादों पर अमल करते हुए गन्ना किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। बढ़ी हुई पेराई क्षमता, समय पर भुगतान और किसानों से संवाद—ये सभी कदम मिल और किसानों के बीच विश्वास को और गहरा कर रहे हैं।










