कार्तिक पूर्णिमा आज, श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी

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मोक्ष प्राप्ति के लिए 365 बाती का दीप जला आज सुबह त्रिवेणी के संगम में डुबकी लगाएंगे श्रद्धालु

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर :- महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि से होकर गुजरने वाली नारायणी की कल कल धारा में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आज सुबह सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु मोक्ष और ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने के लिए आस्था की डुबकी लगाएंगे। इस अवसर पर वाल्मीकिनगर में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन, ढाका, चिरैया एवं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर कप्तानगंज सहित कुशीनगर के श्रद्धालु वाल्मीकिनगर में अपना डेरा डाल चुके हैं, जो गंगा स्नान की पूर्व संध्या पर त्रिवेणी संगम तट पर 365 बाती का दीप जला आज सुबह संगम में डुबकी लगाएंगे। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस तिथि पर संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है, और व्यक्ति के जीवन में शुद्धता का संचार होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्य माना जाता है। ऐसा श्रद्धालुओं ने बताया। श्रद्धालुओं में वशिष्ठ नारायण शुक्ला, रामाशंकर प्रसाद, अवधेश तिवारी एवं वैद्यनाथ सिंह ने बताया कि सनातन धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने के लिए उत्सुक रहते हैं। इस तिथि पर गंगा स्नान से सुख शांति के साथ-साथ घर में लक्ष्मी का वास होता है।

भगवान विष्णु ने इसी दिन मत्स्य अवतार किया था धरण

पुराण के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने धर्म और वेदों की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था। आचार्य पंडित कामेश्वर तिवारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में लीन होकर कार्तिक पूर्णिमा शुक्ल पक्ष एकादशी को पुनः जागृत होते हैं। इसी खुशी में देवताओं द्वारा प्रसन्न होकर कार्तिक पूर्णिमा को लक्ष्मी नारायण की महा आरती की गई थी।

देव दीपावली के रूप में माना जाता है कार्तिक पूर्णिमा

अपने अंदर देवत्व धारण करने के लिए इस दिन लोग देव दीपावली के रूप में मनाते हैं। नारद पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर संपूर्ण सद्गुणों की प्राप्ति एवं शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए कार्तिकेय जी के दर्शन करने का विधान है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन आसमान के नीचे स्वयं कल घरों मंदिरों पीपल के वर्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीप प्रज्वलित करना चाहिए।

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