



वाल्मीकिनगर गंडक बराज से डाउनस्ट्रीम में डिस्चार्ज किया गया 1.16 लाख क्यूसेक पानी, बाढ़ व कटाव का बढ़ा खतरा
जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर:-मोंथा तूफान का असर भारत और नेपाल के तटवर्ती क्षेत्रों में भी लगातार देखने को मिल रहा है। नेपाल की तराई क्षेत्र और देवघाट में पिछले चार दिनों से हो रहे लगातार बारिश के कारण शनिवार दोपहर से गंडक नदी के जलस्तर में एक बार फिर लगातार वृद्धि होने लगी है। जल संसाधन विभाग नियंत्रण कक्ष गंडक बैराज द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दोपहर 12:00 1.16 लाख पानी डाउन स्ट्रीम में डिस्चार्ज किया गया है। विभाग द्वारा आगे भी जल स्तर में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। शाम तक जलस्तर में गिरावट नहीं हुआ तो, एक बार फिर गंडक नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी घुसने लगेगा। साथ ही तटवर्ती क्षेत्रों में कटाव का भी खतरा मंडराने लगा है। जल स्तर में वृद्धि के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र का चार गांव चकदहवा, बिन टोली झंडू टोला और कान्ही टोला होता है।
1 नवंबर 2024 को अधिकतम डिस्चार्ज 22 हजार रहा
गंडक बैराज नियंत्रण कक्ष के सहायक अभियंता प्रमोद कुमार ने बताया कि 1 नवंबर 2024 को गंडक बराज का जलस्तर अधिकतम 22 हजार क्यूसेक था। यह पहली बार ऐसा हुआ है कि नवंबर महीने में नदी का जलस्तर एक लाख से ऊपर हुआ हो। 2025 के बाढ़ अवधि के समय गंडक नदी का अधिकतम जलस्तर 1.97 लाख क्यूसेक रहा है। इस साल जल स्तर 2 लाख से अधिक नहीं हुआ। नवंबर महीने में जल स्तर बढ़ने का मुख्य कारण मोंथा तूफान के कारण हुई बारिश है। शनिवार शाम तक जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावनाएं है।










