



महात्मा गांधी सेवा आश्रम सम्मेलन का रहा आयोजक
जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह
बेतिया/वाल्मीकिनगर। थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के लक्ष्मीपुर में संचालित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रख्यात गांधीवादी विचारक एवं समाजसेवी डॉ. रन सिंह परमार की अध्यक्षता में एक प्रेरणादायक युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन डॉ. एस.एन. सुब्बाराव की स्मृति में राष्ट्रीय एकता और अखंडता को समर्पित था, जिसमें युवाओं की भूमिका पर विशेष बल दिया गया। डॉ. रन सिंह परमार ने अपने ओजस्वी संबोधन में युवाओं को देश की एकता और अखंडता के सच्चे प्रहरी बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन यह ताकत तभी सार्थक होगा ,जब हम धर्म, जाति, रंग और क्षेत्रीय भेदभाव की दीवारों को तोड़कर एक साझा राष्ट्रीय चेतना का निर्माण करेंगे। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, कि”तुम ही हो वह शक्ति जो समाज को जोड़ सकते हो, तुम ही हो वह दीप जो अंधकार में उजाला फैला सकता हो। अपने विचारों को केवल शब्दों तक सीमित न रखते हुए, डॉ. परमार ने छात्रों के साथ मिलकर “नौजवान आओ रे नौजवान गाओ रे” गीत का सामूहिक गान किया। यह गीत न केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति थी, बल्कि एक भावनात्मक संदेश भी था, जिसमें युवाओं को जागरूकता, एकता और सेवा की भावना से ओतप्रोत होने का आह्वान किया गया। गीत की पंक्तियाँ जैसे ही गूंजने लगीं, पूरा सभागार ऊर्जा, उत्साह और प्रेरणा से भर उठा। छात्र-छात्राओं की सामूहिक स्वर लहरियों ने वातावरण को एकता के रंग में रंग दिया और उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया।यह क्षण सम्मेलन का सबसे जीवंत और प्रेरणादायक हिस्सा बन गया, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि जब विचार और भावना एक साथ मिलते हैं, तो वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन की नींव रख सकते हैं।

विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार ने सम्मेलन के अवसर पर डॉ. एस.एन. सुब्बाराव जी की स्मृतियों को श्रद्धा और सम्मान के साथ साझा किया।उन्होंने कहा कि भाई जी, जैसा उन्हें स्नेहपूर्वक पुकारा जाता था, एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा और युवाओं के मार्गदर्शन को समर्पित कर दिया।उनका जीवन एक जीवंत उदाहरण था, कि कैसे सादगी, सेवा और समर्पण के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
संजय कुमार ने बताया कि डॉ. सुब्बाराव जी का मानना था कि देश की असली ताकत उसके युवा हैं।वे हमेशा कहते थे—”अगर युवा जाग जाएं, तो देश की दिशा और दशा दोनों बदल सकती हैं। उन्होंने युवाओं को केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना, नैतिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता के प्रति जागरूक करने का कार्य किया। उनके नेतृत्व में अनेक राष्ट्रीय युवा शिविरों का आयोजन हुआ, जहाँ देशभर के नवयुवक एकत्र होकर सेवा, सद्भाव और भाईचारे की भावना सीखते थे। प्रधानाचार्य ने भावुक स्वर में कहा, “भाई जी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार, उनके कार्य और उनका जीवन दर्शन आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हम न केवल एक बेहतर समाज बना सकते हैं, बल्कि युवाओं को भी एक उद्देश्यपूर्ण जीवन की ओर अग्रसर कर सकते हैं। सम्मेलन से पूर्व महात्मा गांधी सेवा आश्रम, जौरा द्वारा विद्यालय को एचडीएफसी बैंक के परिवर्तन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदान की गई वाटर डिस्पेंसर मशीन का उद्घाटन किया गया। जिससे छात्रों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। छात्रों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गान ने सभी अतिथियों का मन मोह लिया और कार्यक्रम को एक सांस्कृतिक ऊंचाई प्रदान की। यह सम्मेलन युवाओं को सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ। इस संयुक्त आयोजन में विद्यालय और महात्मा गांधी सेवा आश्रम, जौरा की सहभागिता रही। कार्यक्रम में प्रफुल्ल श्रीवास्तव, अनिल गुप्ता, एडवोकेट गोविन्द प्रसाद, सक्षम परियोजना के प्रबंधक प्रसन्ना बारीक, तथा धनञ्जय त्रिपाठी और समाज सेवी दुर्गेश गुप्ता जैसे विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। सम्मलेन के आयोजन में अध्यापकों जमादार अंसारी, जटाशंकर कुमार, तेज नारायण प्रसाद, प्रियंका कुमारी, संतोष कुमार शर्मा और रूबी कुमारी ने महत्वपूर्ण भुमिका निभाई।










