जन्माष्टमी 20 करोड़ एकादशी का फल देने वाला व्रत है -: पं० भरत उपाध्याय

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16 अगस्त 2025 शनिवार को (भागवत)श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इसकी तैयारी प्रेमी जन उत्साह पूर्वक करने में लगे हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाते हैं | जो गर्भवती देवी जन्माष्टमी का व्रत करती हैं. उनका गर्भ ठीक से पेट में रह सकता है और ठीक समय जन्म होता है. ऐसा भविष्यपुराण में लिखा है | जन्माष्टमी 20 करोड़ एकादशी का फल देनेवाला व्रत है इस दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है । उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात, जागरण करकेजप-ध्यान का विशेष महत्व है। भविष्य पुराण में लिखा है कि जन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है । जो जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, उनके घर में गर्भपात नहीं होता । एकादशी का व्रत हजारों – लाखों पाप नष्ट करनेवाला अद्भुत ईश्वरीय वरदान है।*एकादशी के दिन जो संयम होता है उससे ज्यादा संयम जन्माष्टमी को होना चाहिए। बाजारु वस्तु तो वैसे भी साधक के लिए विष है लेकिन जन्माष्टमी के दिन तो चटोरापन, चाय, नाश्ता या इधर – उधर का कचरा अपने मुख में न डालें । इस दिन तो उपवास का आत्मिक अमृत पान करें ।अन्न, जल, तो रोज खाते – पीते रहते हैं, अब परमात्मा का रस ही पियें । अपने अहं को खाकर समाप्त कर दें।

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