सावन माह की समाप्ति के साथ ही पिकनिक मनाने का सिलसिला जारी।

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वाल्मीकिनगर के पिकनिक स्पॉट बेलवा घाट, आम बगीचा, हॉस्पिटल ग्राउंड में पर्यटकों ने स्वादिष्ट भोजन बना किया मौज मस्ती

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर। सावन माह की समाप्ति के साथ ही वाल्मीकिनगर में पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। पिछले एक महीने से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटकों के बिना सुनसान दिखाई पड़ रहा था। लेकिन जैसे ही पर्यटकों का मौसम आया वैसे ही बर एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार होने लगा है।सावन महीने में एक महीने तक हिंदू समाज में मांसाहारी भोजन का त्याग करने वाले लोग अब पिकनिक मनाने के लिए वाल्मीकिनगर पहुंचने लगे हैं। जिसमें सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश के पर्यटकों की देखी गई है। उत्तर प्रदेश के कप्तानगंज, कुशीनगर, महाराजगंज, पडरौना सहित पश्चिमी चंपारण के विभिन्न जगहों से आए पर्यटक मांसाहारी भोजन बनाकर खाने में मशगुल दिखे। अपने द्वारा बनाए गए भोजन में किसी प्रकार की कमी नहीं देखने वाले पर्यटक, बेलवा घाट, आम बगीचा, एवं हॉस्पिटल ग्राउंड में मौज मस्ती करते रहे। इसके बाद पर्यटक गंडक बराज से लेकर जंगल कैंप तक भ्रमण कर खुशनुमा मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य को नजदीक से निहार खुश हो रहे थे। पर्यटकों में मंतोष यादव, अनिल कुमार, एवं अभिषेक कुमार जायसवाल ने बताया कि पिकनिक के साथ-साथ अगर जंगल सफारी का आनंद मिल जाता तो और अच्छा लगता। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। खुशनुमा मौसम में जल जंगल पहाड़ का दीदार ही हम लोगों के लिए सब कुछ है।

30 सितंबर के बाद शुरू होगा पर्यटन सत्र

31 जून से वन विभाग द्वारा पर्यटन सत्र की समाप्ति की घोषणा करने के बाद से वाल्मीकिनगर में धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में कमी आने लगी। वन विभाग द्वारा जंगल सफारी और राफ्टिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह सिलसिला प्रत्येक मानसून सत्र में जारी रहता है। वाल्मीकि नगर आने वाले पर्यटकों को इन सभी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए आगामी 30 सितंबर तक इंतजार करना पड़ेगा। 30 सितंबर के बाद से नए पर्यटन सत्र की शुरुआत कर दी जाएगी।

ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों पर जाने से कोई रोक नहीं

मानसून सत्र वन्य जीवों के लिए प्रजनन का समय भी होता है। इस दौरान जंगल सफारी पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाती है। इसका एक और कारण है-बारिश के मौसम में वन मार्गो में गड्ढे एवं जल जमाव का होना। इसके बावजूद पर्यटकों को निजी वाहनों से वाल्मीकि आश्रम, जटाशंकर मंदिर, कौलेश्वर मंदिर एवं नर देवी मंदिर में जाने में कोई रोक नहीं है।

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