ताले में कैद कौलेश्वर बाबा के दरबार जाने का रास्ता श्रद्धालुओ को हो रही परेशानी।

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दो किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर संगम तट पर जल भरने पहुंच रहे शिव भक्त

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर। गंडक नदी के संगम तट पर विराजमान बाबा कौलेश्वर के दरबार जाने के रास्ता को ताला में कैद कर दिए जाने से कौलेश्वर मंदिर एवं जटाशंकर धाम मंदिर में श्रद्धालु सावन माह में दर्शन करने पाथवे के रास्ते नहीं जा पा रहे हैं। भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे कई श्रद्धालुओं को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। पाथवे के मुख्य गेट पर ताला लगा होने के कारण शिव भक्तों को लगभग 2 किमी की अतिरिक्त दुरी तय करनी पड़ रही है। दरअसल गंडक नदी के किनारे पाथवे का निर्माण कराया गया है। कौलेश्वर मंदिर जहां स्थित है वहां तक इसी रास्ते से पहुंचा जाता है। हालांकि मंदिर तक जाने का एक दूसरा रास्ता भी है। जो अधिक लम्बा है। लेकिन जल संसाधन विभाग द्वारा मुख्य पथ पर ताला लगा दिया गया है। हालांकि यह यह ताला हाल फिलहाल में नहीं लगाया गया है, बल्कि दो साल पूर्व से ही आवागमन को बाधित किया गया है। जिससे श्रद्धालुओ को मंदिर जाने में परेशानी हो रही है।श्रद्धालुओं ने स्थानीय प्रशासन से मांग है कि, श्रावण मास के दौरान पाथवे के गेट को एक माह के लिए खोला जाए। इस बाबत जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चार पहिया वाहनों के आवागमन के कारण पाथवे टूटने लगा था। जिसके कारण मजबूरन मुख्य गेट को बंद करना पड़ा है। वहीं स्थानीय लोगों द्वारा मुख्य गेट को यथाशीघ्र खोलने के लिए आग्रह किया गया है।

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