




जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर। शनिवार की सुबह महाराष्ट्र से आए पर्यटक डॉक्टर राकेश करे एवं एडवोकेट अभ्यूदया देशमाने ने जंगल सफारी के दौरान जंगल के कुछ हिस्सों का फोटो शूट किया। उन्होंने हरे भरे पेड़ पौधे और घासो के मैदान के बीच उछल कूद कर रहे बड़े-बड़े सींग वाले हिरणों को देख, रोमांचित हो गए और इस पल को उन्होंने कमरे में कैद कर लिया। जंगल कैंप में फीडबैक देने के दौरान महाराष्ट्र के राकेश करे, एवं अभ्युदया देशमाने ने वीटीआर के खूबसूरत जंगल एवं जंगली जानवरों की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हम यहां स्वच्छ वातावरण में सांस ले पा रहे हैं। महाराष्ट्र में ऐसा वातावरण नहीं मिल पाता है।
महाराष्ट्र के पर्यटकों ने वीटीआर के बाबत कर्मियों से ली जानकारी
महाराष्ट्र के मुंबई से चलकर वाल्मीकिनगर पहुंचे पर्यटक जंगल कैंप में उपस्थित कर्मियों से वीटीआर के बाबत जानकारियां हासिल की। उन्होंने वनकर्मियों से जंगल में रहने वाले वन्यजीवों के प्रजातियों सहित, पक्षियों के बारे में भी जानकारियां जुटाई। वनकर्मियों द्वारा पर्यटकों को बाघ से लेकर जंगली मुर्गी तक के बारे में पर्यटकों को बता उनके संरक्षण पर हो रहे कार्यों के बारे में भी जानकारी दी।
वीटीआर में 11 सौ पौधों की पाई जाती है प्रजातियां
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की हरियाली का मुख्य कारण इस जंगल में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधे सहित विभिन्न प्रजाति के झाड़ियां है। इस जंगल में 100 से अधिक पेड़ और 50 झाड़ियों की प्रजातियां पाई जाती है। इसके अलावा 84 पेड़, 32 झाड़ियां, और 81 जड़ी बूटियों एवं घास की प्रजातियां पाई जाती है। वहीं जंगली पौधों की 1100 प्रजातियां वीटीआर में दिखाई देती है। जो अपने आप में अनूठा है।