




जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर। सोमवार की शाम दिल्ली से आए पर्यटक नीरज कुमार एवं अभिषेक कुमार एंड फैमिली ने वाटर होल में पानी को पीते हुए गौर को देखा। इस दृश्य को देखकर वे लोग बेहद रोमांचित हुए। नीरज कुमार ने बताया कि वन भ्रमण का इच्छा इस दृश्य को देखकर प्रफुल्लित हो गए। जंगल में वन्यजीवों के लिए इस कड़ाके की गर्मी में पेयजल की व्यवस्था करना वन विभाग की बड़ी उपलब्धि है। यही कारण है कि पर्यटक वाल्मीकिनगर आने के लिए उत्साहित रहते हैं। वन्यजीवों से लेकर पर्यटकों तक की सुविधा का ख्याल विभाग के द्वारा रखा जाता है।
चार दिन पूर्व आराम फरमाता तेंदुआ आया था नजर
विगत 14 जून को हाजीपुर से आए पर्यटक विशेश्वर सिंह एंड फैमिली को मोटर अड्डा के जंगल में पेड़ के नीचे आराम फरमाता तेंदुआ नजर आया था। वन भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को वन्य जीवों का दीदार होना, पर्यटन बढ़ावा में काफी सहायक सिद्ध हो रहा है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में तेंदुआ बाघ भालू हिरण के चार प्रजाति सहित जंगली कुत्तों का भी अधिवास स्थल है। वन विभाग इनके अधिवास स्थलों के संरक्षण पर भी लगातार काम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर शाकाहारी वन्यजीवों के लिए प्रचुर मात्रा में ग्रास लैंड बनाया गया है जिसके कारण इनकी संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
वीटीआर में बनाए गए हैं 23 वाटर होल
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर, गनौली, हरनाटांड़ सहित सात रेंजों में 23 वाटर होल का निर्माण कराया गया है। रेंजर श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि इसमें कुछ वाटर होल ऐसे हैं, जिसमें सोलर पंप द्वारा पानी उपलब्ध कराया जाता है, और कुछ वाटर होल में टैंकर द्वारा पानी भरा जाता है। इसके चलते वन्य जीवों को जल की संकट से नहीं गुजरना पड़ता है। वाटर होल में पानी कम ना हो, इसके लिए हमेशा नजर रखी जाती है। गौर का पानी पीता देख पर्यटक खुश हुए हैं। यह पर्यटन के लिए शुभ संकेत है।