दो बाघिनों के बीच टेरिटरी को लेकर संघर्ष एक की मौत, मौत के कारणों की जांच अभी जारी।

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नर बाघ के टेरिटरी में कई बाघिन रह सकती है साथ

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व( वीटीआर) के हरनाटांड़ वन क्षेत्र के कक्ष संख्या एन तीन में एक बाघिन के मौत का मामला प्रकाश में आया है। सीएफ नेशामणि के मुताबिक जांच के दौरान कोई मानवीय गतिविधि के साक्ष्य नहीं मिले हैं, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि बाघिन की मौत दो बाघिन के बीच टेरिटरी को लेकर संघर्ष के कारण हुई है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह घटना दो बाघों के बीच क्षेत्रीय संघर्ष (टेरेटोरियल फाइट) का परिणाम है।

मौत के कारणों की जांच अभी जारी है। अधिकारियों को इसकी सूचना गश्ती दल से मिली थी, जिसके बाद चिकित्सक ने पोस्टमॉर्टम किया और बाघिन का अंतिम संस्कार कर दिया गया। यह संभावना जताई जा रही है कि बाघिन की मौत दूसरी बाघिन के साथ हुई आपसी संघर्ष का परिणाम हो सकती है। ऐसे में टेरिटरी को लेकर संघर्ष हुआ हो सकता है। वन
अधिकारी दूसरे बाघिन को लेकर भी गंभीरता से जांच कर रहे हैं। क्योंकि अगर यह आपसी संघर्ष था, तो दूसरी बाघिन भी घायल हो सकती है।

मेटिंग के दौरान नहीं होता संघर्ष

वन्यजीव के जानकारों की मानें तो जंगल में बाघ प्रेरित ओव्यूलेटर होते हैं, जिसका अर्थ है कि बाघिन के अंडाशय संभोग के जवाब में अंडे (ओव्यूलेट) छोड़ते हैं। बाघ बेतरतीब ढंग से मेटिंग नहीं करते, इसके बजाय, वे एक विशिष्ट प्रजनन पैटर्न का पालन करते हैं। इसके तहत बाघिन हिट में आने के बाद (एस्ट्रस) में थोड़े समय के लिए आती है, आमतौर पर 3-9 दिनों के लिए वह मेटिंग के लिए ग्रहणशील होती है और मेटिंग के लिए प्रेरित करने साथी की तलाश में गंध और अपने चिन्ह छोड़ती हैं। इस तरह से बाघिन अपने लिए मेटिंग के लिए साथी तलाश करती है। मेटिंग के लिए बाघिन जब तक तैयार नहीं होगी, नर बाघ, बाघिन के साथ किसी भी हाल में मेटिंग नहीं कर सकता है।

नर बाघ के टेरिटरी में कई बाघिन रह सकती है साथ

नर बाघ के टेरिटरी में कई मादा बाघ रह सकती हैं। नर बाघ चाहता है कि उनके जंगल में ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा हों। इसलिए नर बाघ अपने टेरिटरी में आने वाली बाघिन के साथ संघर्ष नहीं करता। मादा बाघ भी चाहती है कि उनके बच्चे मजबूत और स्वस्थ्य हो, इसलिए मादा बाघ हमेशा बलशाली तथा स्वस्थ्य बाघ के साथ मेटिंग करना चाहती है।
हालांकि बाघिन ने अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया, लेकिन इस टकराव में उसकी जान चली गई। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना बाघों के प्राकृतिक आवास की सीमाओं को लेकर बढ़ते संघर्ष का संकेत देती है। आम तौर पर एक बाघिन को करीब 15- से 20वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र विचरण के लिए आवश्यक होता है। इसी प्रकार एक नर बाघ को करीब तीस- से चालीस वर्ग किमी का क्षेत्र विचरण के लिए आवश्यक होता है।

एक बाघ के साथ तीन बाघिनें कर सकती है विचरण

आम तौर पर एक बाघ के विचरण क्षेत्र में तीन बाघिनें एक साथ विचरण कर सकती हैं। लेकिन वीटीआर में नर बाघों की संख्या में इजाफा होने के कारण टेरेटरी व बाघिनों को लेकर बाघों में आपसी संघर्ष में इजाफा हो सकता है।

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