वाल्मीकिनगर में राष्ट्रीय लोक मोर्चा का राजनीतिक मंथन शिविर का आगाज।

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वाल्मीकि नगर से विवेक कुमार सिंह की रिपोर्ट…

राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदेश के अधिकारियों द्वारा पार्टी झंडोतोलन के बाद मंथन शिविर की की गई शुरुआत

वाल्मीकिनगर। वाल्मीकिनगर के कन्वेंशन सेंटर हॉल में शनिवार की देर शाम से राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रदेश इकाई का तीन दिवसीय राजनीतिक मंथन शिविर का आगाज राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा उनकी धर्मपत्नी स्नेहलता कुशवाहा व प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए अधिकारियों एवं जिलाध्यक्षों द्वारा झंडोतोलन व दीप प्रज्वलित करने के साथ हो गया।राजनीतिक मंथन शिविर शुरू होने से पूर्व लगभग 500 की संख्या में उपस्थित नेताओं ने राष्ट्रगान के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कन्वेंशन सेंटर हॉल में पार्टी के अधिकारियों एवं जिला अध्यक्षों को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश आईटी सेल अध्यक्ष हिमांशु पटेल ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए उम्मीदवारों को जीताने के लिए पंचायत स्तर पर पार्टी को मजबूती प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में देश व राज्य का विकास लगातार हो रहा है। 2025 के विधानसभा चुनाव में 225 सीटों के साथ बिहार में हम एनडीए की सरकार बनाएंगे।इसके लिए हम सभी को अभी से तैयारियों में जुट जाना होगा। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय राजनीतिक मंथन शिविर के पहले दिन हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा जो भी दिशा निर्देश दिया जाएगा उसका हम अक्षरशः पालन करेंगे। राष्ट्रीय लोक मोर्चा जमीनी स्तर तक अपना मजबूती कैसे बढ़ाए, इस मंथन शिविर में राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जी के तरफ से दिशा निर्देश जारी किया जाएगा। हम पंचायत स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे। राजनीतिक मंथन शिविर में मुख्य रूप से राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ पटेल, मुख्यालय प्रभारी हिमांशु पटेल, राष्ट्रीय महासचिव महिला मोर्चा रेखा गुप्ता, मदन चौधरी, पश्चिमी चंपारण जिला अध्यक्ष अशोक चौधरी, बगहा महादलित जिला अध्यक्ष राजेश कुमार राम सहित अन्य नेता उपस्थित रहे।राजनीतिक मंथन में बड़ा फैसला संभव

राजनीतिक मंथन में बड़ा फैसला ले सकते हैं।
ऐसे जब भी उपेंद्र कुशवाहा इस तरह की बैठक करते हैं तो उसमें बड़ा फैसला लेते रहे हैं। राजगीर में इससे पहले एनडीए से अलग होना हो जदयू में शामिल होना हो या फिर जदयू से अलग होना हो और एनडीए में फिर से शामिल होना हो यह सब फैसला राजनीतिक चिंतन या मंथन शिविर में लेते रहे हैं।

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