मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना शुभ संकेत है :- पं० भरत उपाध्याय

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चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू हो रही है। 30 मार्च 2025 दिन रविवार को प्रतिपदा दिन में 2:14 तक है जब तक प्रतिपदा है तब तक कलश स्थापना होगा । 30 मार्च को चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रहा है। उस दिन इंद्र योग और रेवती नक्षत्र है।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग शाम को 4:35 मिनट से अगले दिन सुबह 06:12 मिनट तक रहेगा। इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे। वह सफल सिद्ध होंगे। यह एक शुभ योग है। खास बात यह है कि महापर्व के दौरान चार दिन रवियोग तथा तीन दिन सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग रहेगा
हर साल 4 नवरात्रि पड़ती हैं, इसमें से 2 गुप्त नवरात्रि होती हैं और दो प्रत्यक्ष चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष नवरात्रि होती है, जिसे गृहस्थों समेत सभी लोग हर्षोल्लास के साथ करते हैं। जबकि गुप्त नवरात्रि में अक्सर तांत्रिक और अन्य साधक मंत्र साधना करते हैं। इस साल की पहली गुप्त नवरात्रि यानी माघ नवरात्रि प्रयागराज कुंभ के दौरान संपन्न हो गई। देवी भागवत के अनुसार जो भी प्राणि नवरात्र व्रत पूर्ण नियमों के सहित करता है उसके जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। प्रत्येक नवरात्रि काल में मां भगवती अपने विशेष वाहन पर सवार होके आती हैं जिससे तत्कालीन समाज में अपना विशेष प्रभाव पड़ता है। इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर सवार होकर हो रहा है और हाथी पर ही सवार होकर मां दुर्गा प्रस्थान भी कर रही हैं। जो देश में आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं पारमार्थिक रूप में अति उत्तम फल प्रदान करने वाला है। मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है। हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। माता जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो यह किसानों के लिए एक बहुत ही शुभ संकेत होता है। इसका अर्थ है कि इस साल अच्छी फसल होगी और बारिश की भी कमी नहीं होगी। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा होने से लोगों के धन में वृद्धि होती है और देश की अर्थ व्यवस्था में सुधार होता है। राजनैतिक दृष्टिकोण से राजनीति में काफी उथल-पुथल एवं तदुपरांत एक गंभीरता आने की संभावना है । शास्त्रों में मां के इस रूप को भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है। इसी नवरात्रि के अंत में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का भी जन्मोत्सव मनाया जाता है, जो नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल रामनवमी 6 अप्रैल को है । नवरात्रि 8 दिन की होने के कारण कलश विसर्जन 6 अप्रैल को ही हो जाएगा और नवरात्र व्रत का पारण 7 अप्रैल दिन सोमवार को होगा ।

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