जयंती पर युवाओं को दिया खास सन्देश।
बेतिया/बगहा। बगहा अनुमंडल क्षेत्र के गण्डक पार स्थित मधुबनी प्रखंड के हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय ने स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाया।उन्होंने युवाओं को दिए सन्देश में बताया कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। प्रतिवर्ष उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद के विचार प्रेरित करने वाले हैं।स्वामी विवेकानंद देश के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक थे।भारत सरकार ने सन् 1985 से 12 जनवरी को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ मनाने की घोषणा की थी। स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवन में अपनाकर व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकता है। ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ को मनाने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को ये बताना है कि जैसे स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में सफलता हासिल की, वैसे ही उनके विचारों को अपनाकर युवा पीढ़ी सफल हो। स्वामी विवेकानंद के मुख से निकली हर बात ऊर्जा देने वाली है।स्वामी विवेकानंद के निम्नलिखित प्रेरक विचारस्मरणीय है वह नास्तिक है, जो अपने आप में विश्वास नहीं रखता।तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही है।मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं। जब वो केन्द्रित होती हैं तो चमक उठती हैं।शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।मौन, क्रोध की सर्वोत्तम चिकित्सा है।जीवन का रहस्य केवल आनंद नहीं बल्कि अनुभव के माध्यम से सीखना है।मन की एकाग्रता ही समग्र ज्ञान है।सच को कहने के हजारों तरीके हो सकते हैं और फिर भी सच तो वही रहता है।दिल और दिमाग के टकराव हो तो दिल की सुनो।अगर संसार में कहीं कोई पाप है तो वह है दुर्बलता। दुर्बलता पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है।कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा अधर्म हैजितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।ज्ञान का प्रकाश सभी अंधेरों को खत्म कर देता है।जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते।ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है जो युवाओं को ऊर्जावान करेगा।