बगहा। उत्पाद विभाग की फर्जी टीम के पकड़े जाने की खबर आग की तरह फैल गई जब वीडियो वायरल हुआ मिली जानकारी के अनुसार बगहा थाना क्षेत्र के मच्छरगांवा मटियरिया गांव में पुलिस के कुछ जवान प्राइवेट लोगों के साथ एक टीम बनाकर शराब के खिलाफ छापेमारी करने पहुँचे हुए थे। इस टीम का नेतृत्व एक सिपाही जिनका नाम भानु प्रताप सिंह है वो कर रहे थे। इसी दौरान टीम द्वारा एक युवक के साथ मारपीट शुरू कर दी गई, जिसके बाद ग्रामीण भड़क गए। इसके बाद इसको लेकर ग्रामीणों द्वारा नजदीकी उत्पाद विभाग को इसकी सूचना दी गई की उनके तरफ से भेजी गई टीम द्वारा ग्रामीणों पर हमला किया जा रहा है। उत्पाद विभाग के तरफ से कहा गया कि, हमारे तरफ से कोई भी टीम छापेमारी के लिए नहीं भेजी गई है। बता दें कि इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि, गांव में छापेमारी करने आई उत्पाद विभाग की इस फर्जी टीम का नेतृत्व पुलिस में तैनात एक सिपाही का जवान कर रहा था। गांव वालों को जैसे ही इस बात की भनक लगी तो बवाल मच गया। गांव में शराब के खिलाफ छापामारी करने पहुंची नकली टीम में शामिल पुलिस के जवान को पकड़कर ग्रामीणों ने जमकर कुटाई कर दी। घंटों तक सभी को बंधक बनाकर रखा। इसके बाद इस पुलिसकर्मी को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। इधर, पुलिस महकमे में भी फर्जी छापामारी की खबर मिलते ही हड़कंप मच गया। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक किरण कुमार गोरख जाधव ने आरोपित सिपाही को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच एसडीपीओ कैलाश प्रसाद को सौंप दी है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही सिपाही को निलंबित कर दिया गया है तथा इस मामले को बगहा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद को जांच सौंप दी गई है। इसमें जो भी जवान शामिल होगा, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। आरोपित सिपाही की पहचान भानु प्रताप सिंह के तौर पर हुई। वहीं, ग्रामीणों ने बताया जाता है कि छापामारी के नाम पर पुलिस के जवान स्थानीय युवकों के साथ मिलकर इसी तरह अवैध वसूली करते हैं।