ठकराहा से गुलबसर अंसारी की रिपोर्ट____
बगहा/ठकराहा। ठकराहा- मनरेगा में मजदूरी भुगतान में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। जिस पर शासन ने योजना में मजदूरों का मस्टरोल में हेराफेरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है। अभी तक मजदूरों की हाजिरी कागजों अर्थात रजिस्टर में लग रही है। परंतु विगत मार्च से मजदूरों की हाजिरी मोबाइल द्वारा फोटो के साथ लगेगी। ठकराहा के सात ग्राम पंचायत हैं। पंचायतों में रास्तों, पानी निकासी के नाले, तालाब, पंचायत घरों के निर्माण में मनरेगा में पंजीकृत मजदूर लगाए जाते हैं। शासन से मनरेगा मजदूरों का भुगतान होता है। पंचायत मजदूरी भुगतान के लिए काम करने वाले मजदूरों का मस्टरोल बनाकर शासन को भेजते हैं। पंचायत मे अधिकतम श्रमिक व मजदुर पंजीकृत हैं। जिनमें पौने दो सौ से अधिक क्रियाशील मजदूर हैं। मनरेगा मजदूर को काम मांगने पर उन्हे काम दिया जाता है। शासन से मस्टरोल के अनुसार सीधा मजदूर को खाते से भुगतान होता है। मनरेगा मजदूरों को पंचायतों व सरकारी काम के अतिरिक्त व्यक्तिगत काम भी दिया जाता है। पंचायतों में मजदूरों का मस्टरोल तैयार होता है। मजदूरों की प्रतिदिन हाजिरी रजिस्टर में लगाई जाती है।