बेतिया। जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय द्वारा आज मधुमक्खी पालन विषय पर जिलास्तरीय दो दिवसीय कृषक सेमिनार का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, श्री प्रवीण कुमार राय, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, श्री अनिल कुमार सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी, श्री सुजीत कुमार, सहायक निदेशक, उद्यान, श्री राजू राउत, उप परियोजना निदेशक, आत्मा, श्रीमती पूजा राय, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, बेतिया, श्री अप्पू राजा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कृषक सेमिनार का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि शहद उत्पादन के क्षेत्र में पश्चिम चम्पारण जिले के कृषकों द्वारा सार्थक प्रयास किया जा रहा है, इसे और बेहतर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। जीविका दीदियां मधुमक्खी पालन कर शहद उत्पादन सहित अन्य प्रोडक्ट्स का उत्पादन कर आगे बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन में अच्छा प्रदर्शन करने पर कृषकों के परिवार का सर्वांगीण विकास होगा, आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भविष्य उपलब्ध हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन के तहत प्रोडक्शन की पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग आदि पर भी विशेष ध्यान देना होगा। इससे प्रोडक्ट्स की कीमत बढ़ जायेगी तथा तेजी के साथ डिमांड बढ़ेगा।जिलाधिकारी ने कहा कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मधुमक्खी पालन करने वाले कृषकों को कार्यक्षेत्र में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो, वे तुरंत कृषि विभाग से मिलें, उनकी समस्याओं का नियमानुकूल समाधान कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों से आये कृषक सेमिनार से लाभ प्राप्त करें। यहां बतायी जा रही बातों को अच्छे से समझें और उसी के अनुरूप मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में आगे बढ़े और पश्चिम चम्पारण जिले सहित बिहार का नाम देश-विदेश में रौशन करें। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषक कम लागत में अत्यधिक मुनाफा के साथ मधुमक्खी पालन कर सकते हैं। सरकार द्वारा कई सारी योजनाएं संचालित की जा रही है, जिसका लाभ मधुमक्खी कृषक लेकर आगे बढ़ें। सेमिनार को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार ने कहा कि मधुमक्खी पालन कर केवल शहद उत्पादन पर ही ध्यान नहीं दें बल्कि मधुमक्खी पालन कर शहद के अलावा अन्य प्रोडक्शन पर भी फोकस करें। मधुमक्खी पालन से मधु, मोम के अलावा अन्य कीमती पदार्थ जैसे-राजअवलेह, मधुमक्खी विष, पराग एवं मधुमक्खी गोंद का उत्पादन करके अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हनी प्रोडक्शन में बिहार अग्रणी है। प्रयास ऐसा करें कि हनी के साथ अन्य प्रोडक्ट्स में भी जिला सहित बिहार राज्य को अग्रणी बनाया जाय। उन्होंने कहा कि यहां के किसान काफी मेहनती हैं, कृषि एलायड क्षेत्र में पूरे मनोयोग से कार्य कर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन के तहत विभिन्न उत्पादों के प्रोडक्शन के साथ ही मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। स्थानीय मार्केट में ही यहां के उत्पादित प्रोडक्ट्स की खपत आसानी से हो जाया करेगी। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए डीपीएम, जीविका एवं महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र समन्वय स्थापित कर इस क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले कृषकों को सरकार द्वारा देय सभी सुविधाएं, योजनाओं से आच्छादित करेंगे। सेमिनार के तकनीकी सत्र में कृषकों को मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी पालन पर तकनीकी जानकारी से संबंधित प्रजेंटेशन के साथ ही मत्स्य पालन, उद्यान विभाग की योजनाओं, पशुपालन विभाग की योजनाओं, आत्मा योजना, कृषि रसायन एवं पौधा संरक्षण आदि से सबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।