बगहा। आकाश में काले बादल मंडराते देख किसानों को उम्मीद बनी हुई है कि अब बारिश होगी ही। धान के बिचड़े तैयार रहने के बावजूद खेतों में पानी नहीं दिख रहा। राजा दुबे, बैरिस्टर मिश्र,रामयतन यादव,जितेंद्र शुक्ल आदि बताते हैं कि खेतों में जबतक कम से कम आठ इंच तक पानी नहीं दिखे तो धान की रोपनी का कार्य करना मुश्किल है। पानी ही धान का संजीवनी है। रोपनी कार्य के लिए मिट्टी गीली होना आवश्यक है। पहली वर्षा में खेतों में पानी तो दिखाई दिया। परंतु उसे बरकरार रखने के लिए लगातार पानी की आवश्यकता होती है। शनिवार की रात व रविवार के पूरे दिन बारिश नहीं हुई। जिसके कारण खेतों का पानी सूख चुका है। ऐसे में जबतक पुनः झमाझम पानी नहीं बरसेगा।रोपनी का कार्य चलाना मुश्किल है। हालांकि किसान बार बार आकाश की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।