



मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहने के बावजूद हजारों की संख्या में वीटीआर पहुंच रहे पर्यटक
पेयजल और सामुदायिक शौचालय का अभाव पर्यटन की राह में बन रहा रोड़ा
जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह
बेतिया/वाल्मीकिनगर:- बिहार का एकमात्र टाईगर रिजर्व वर्तमान में अपनी खुबसूरती के लिए प्रसिद्धि बटोर रहा है। यहां भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटक कश्मीर की अनुभूति प्राप्त करते हैं।जल, जंगल और पहाड़ के बीच स्थित बिहार के एकमात्र टाइगर रिजर्व में वन विभाग द्वारा अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, लेकिन कुछ ऐसे मूलभूत सुविधाएं हैं जिनका अभाव पर्यटन के लिए बाधक बन रहा है। वन्यजीवों एवं प्राकृतिक संसाधनों का दीदार करने के लिए जंगल में नौ सफारी गाड़ी सुबह शाम दौड़ती है। बावजूद इसके ऐसे कई मूलभूत सुविधाएं हैं,जो इस पर्यटन स्थल के लिए नासूर बनते जा रहे हैं। जिसके कारण सैलानियों को काफी दिक्कतें हो रही है। इनमें सबसे प्रमुख पेयजल और सामुदायिक शौचालय का ना होना है। यहां आने वाले पर्यटक इन सुविधाओं की खोज में दर बदर भटकते हुए दिखाई पड़ते हैं। सबसे ज्यादा मुश्किलात महिला पर्यटकों को उठाना पड़ता है।जो शर्म से इसके बारे में पुछने से भी कतराती हैं। स्वयं से भोजन बना सुन्दर प्रकृति के बीच आनंद उठाने वाले सैलानियों को पानी और शौचालय की खोज के लिए दूर जाना पड़ता है,जो इस पर्यटन स्थल के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सोमवार को करीब 5 सौ से ज्यादा पर्यटक भ्रमण के लिए वीटीआर पहुंचे थे, जिन्होंने इन मूलभूत सुविधाओं के अभाव होने का कारण स्थानीय लोगों से पुछा था, लेकिन उनके सवाल का जवाब किसी ने भी नहीं दिया। पूर्वी चंपारण के झखरा से आए मनोज सिंह एवं सिवान से आए अमरेन्द्र कुमार, देवेन्द्र मिश्र,सौरभ आनंद एंड टीम ने कहा कि पुरुषों के लिए दिक्कत कम है,पर महिलाएं कहां जाएंगी।इस पर सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विचार करना होगा।
शनिवार और रविवार होता है विशेष पर्यटन दिन
बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व वाल्मीकिनगर में ऐसे तो प्रतिदिन भ्रमण के लिए पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को विशेष पर्यटन दिवस के रूप में माना जाता है।इस हजारों की संख्या पर्यटक वनभोज और भ्रमण के लिए परिवार के साथ पहुंचते हैं।जब उन्हें इन मूलभूत सुविधाओं की जरूरत पड़ती है,तो वे इधर- उधर भटकते फिरते हैं। हांलांकि इसके लिए स्थानीय स्तर से भी अवाज उठती रही है।हालात “ढाक के तीन पात”बना हुआ है। यहां आने वाले पर्यटकों से यहां का व्यापार फल फूल रहा है,पर उनके लिए इन सुविधाओं के बारे में किसी का ध्यान नहीं जाता ।
इन जगहों पर पेयजल और सामुदायिक शौचालय की है आवश्यकता
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का बेलवा घाट,गंडक बराज,हाई स्कूल मैदान आम बगीचा और कौलेश्वर मंदिर का क्षेत्र ऐसा है, जहां सामुदायिक शौचालय व पेयजल की सुविधा मुहैया कराना अति आवश्यक है। जहां अधिकांश पर्यटकों की भीड़ एकत्रित होती है। सबसे अधिक परेशानी पर्यटकों को नये साल में होती है,जब वे वनभोज के लिए वाल्मीकिनगर पहुंचते हैं। रेंजर अमित कुमार ने बताया कि जंगल कैंप में ये सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।मगर वहां सीमित संख्या में ही लोग इन सुविधाओं से फायदा ले सकते हैं।










