गंडक बराज से छोड़ा गया 1.31 लाख क्यूसेक पानी।

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नेपाल के देवघाट में शुरू हुई बारिश के कारण बढ़ा गंडक का जलस्तर, तटीय क्षेत्रों में बढ़ा कटाव का खतरा

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर:- गंडक नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में पिछले 48 घंटे से हो रहे लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो चला है। तेज हवा के साथ हो रहे बारिश के कारण गंडक नदी के जल स्तर में भी वृद्धि होने लगी है। दोपहर 1:00 बजे गंडक बराज नियंत्रण कक्ष से जारी रिपोर्ट के अनुसार गंडक बैराज के डाउनस्ट्रीम में 1.31 लाख पानी डिस्चार्ज किया गया है। डाउनस्ट्रीम में पानी डिस्चार्ज के बाद गंडक नदी के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ सहित कटाव का खतरा मंडराने लगा है। विशेष रूप से गंडक नदी के किनारे बसे कान्ही टोला, झंडू टोला, बिन टोली एवं चकदहवा गांव प्रभावित होता है। इस बाबत गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के कार्यपालक अभियंता इकबाल अनवर ने बताया कि फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है।

2025 में अधिकतम 1.97 लाख पानी हुआ है डिस्चार्ज

2025 के बाढ़ अवधि में जल संसाधन विभाग को विशेष आपाधापी नहीं करना पड़ा है। 2025 के बाढ़ अवधि में गंडक बराज से अधिकतम 1.97 लाख पानी डिस्चार्ज किया गया है। जो पिछले कई वर्षों का इतिहास है। 2024 में गंडक बराज से अधिकतम 4. 50 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था। इस बाबत मौसम विभाग के पर्यवेक्षक पंकज कुमार ने बताया कि इस साल बारिश में कमी हुई है। यह अपने आप में चिंता का विषय है। इसी कारण गंडक नदी का जल स्तर 2 लाख क्यूसेक से अधिक नहीं बढ़ सका है।

इस साल के कटाव से सैकड़ो एकड़ में लगे फसलों का हुआ है नुकसान

गंडक नदी के जल स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण तटीय क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। चकदहवा, झंडू टोला, बिन टोली के किसानों का लगभग 100 एकड़ से ज्यादा फसल नुकसान हो चुका हैं। जिनमें अधिक गन्ना का फसल है। इन गांवों के किसान खेती पर ही निर्भर हैं। अगर फिर कटाव शुरू होता है, तो बचा हुआ फसल भी बर्बाद हो सकता है।

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