



जिला ब्यूरो विवेक कुमार सिंह
बेतिया/वाल्मीकिनगर। बीती रात एक जंगली हाथी के द्वारा कौलेश्वर स्थित हाथीशाला के बाउंड्री को नुकसान पहुंचाया गया है। इस हाथी को देखने के बाद वीटीआर प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को अलर्ट किया गया है। जंगली हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर अमित कुमार ने बताया कि वीटीआर में हाथियों की आमद को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।भोजन व वासस्थल की कमी से जूझ रहे जंगली हाथियों का रुख वीटीआर की ओर है। नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से निकलकर जंगली हाथियों का दल वीटीआर के जंगलों में पहुंच गया है।
जंगली हाथियों को पसंद आई वीटीआर की आबोहवा
नेपाली हाथियो को वीटीआर की खूबसूरत वादियां और आबोहवा इस कदर रास आई कि वे यहां बार बार आ रहें हैं। वीटीआर में इनके आने का पुराना इतिहास रहा है।
गांव की ओर प्रवेश रोकने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदम
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र में नेपाली वन क्षेत्र से भटक कर आये जंगली हाथियों की गतिविधियां सोमवार की रात को दर्ज की गयी है। हाथी का ताजा लोकेशन कालेश्वर मंदिर के नजदीक दर्ज की गयी है। उक्त क्षेत्र में हाथी के पग मार्क वन कर्मियों को प्राप्त हुए हैं। उस आधार पर वन कर्मी हाथी की मॉनिटरिंग में जुटे हैं।
जंगली हाथी प्रायः हरियाली और पौष्टिक आहार की तलाश में टाइगर रिजर्व क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं और स्वभाव से हिंसक होने के कारण क्षति भी पहुंचाते हैं।
पहले भी कई बार उत्पात मचा चुके हैं जंगली हाथी
पहले भी जंगली हाथी इस क्षेत्र में उत्पात मचा चुके हैं।चितवन नेशनल पार्क (नेपाल) की सीमा वीटीआर से सटा होने के कारण यहां बाघ व गैंडा भी भटक कर पहुंचते रहते हैं। अक्सर जंगल से सटे गांवों में जंगली जानवर घुस आते हैं। इससे ना सिर्फ वहां रह रहे लोगों को बल्कि जानवरों को भी परेशानी होती है। यह पहला मामला नहीं है जब वीटीआर में जंगली हाथी घुस आए हो। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि जंगली हाथी इस क्षेत्र में आकर उत्पात मचा चुके हैं और अक्सर गांव वाले साथ मिलकर या वन विभाग की मदद से जंगली जानवरों को वापस नेपाल के जंगल की ओर खदेड़ा जाता है। इस बाबत न्यूज संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने बताया कि गांव की ओर प्रवेश रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहें हैं। यदि ग्रामीण गांव के आसपास हाथी को देखते हैं तो वे रेंज कार्यालय या स्थानीय वन कर्मचारियों को सूचित कर सकते हैं। हाथी के पगमार्क भी मिले हैं। इसके सहारे वन कर्मियों के द्वारा हाथियो की मॉनिटरिंग की जा रही है।










