वाल्मीकिनगर से निखिल अंसारी की रिपोर्ट….
बगहा/वाल्मीकिनगर। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में दूसरी बार पक्षियो की गणना की जा रही हैं। जो वन विभाग के सौजन्य से एशियन वाटरबर्ड सेंसस (एडब्लुसी) द्वारा पश्चिमी चंपारण में पक्षियों की गणना कराई जा रही है। गणना को करने के लिए चंपारण में चार जगहों को चिन्हित किया गया है। इसमें गंडक बराज का जलाशय, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, लाल सरैया व उदयपुर को चिन्हित किया गया है। इस गणना को तीन भागों में बांटा गया है। इसमें जल में रहने वाली पक्षी को एक श्रेणी बनाया गया है। वही दूसरी श्रेणी थल पर रहने वाली पक्षियों का है। जबकि तीसरा उभयचर पक्षी है जो जल और थल दोनों पर रहती हैं। इसका नोडल आफिसर डीएफओ को बनाया गया है। इन सभी पक्षियो की अलग-अलग श्रेणी में गणना की जा रही है। इस बाबत डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के क्षेत्रीय पदाधिकारी कमलेश मौर्या ने बताया कि पक्षियो की गणना एक फरवरी से शुरू हुई है जो तीन फरवरी तक चलेगी। इसके लिए टीम बनाई गई है। इस टीम में 12 एक्सपर्ट शामिल हैं। सर्वे कर रहे टीम के द्वारा वाटर बर्ड, लैंड बर्ड व नदी के किनारे पाए जाने वाले बर्ड की सूची तैयार की जाएगी। इसे राज्य स्तर पर भेजा जाएगा। वहां से उस डाटा में से प्रवासी पक्षी को अलग किया जाएगा।