मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर और विरासत के प्रतीक, इन्हे सहेज कर रखने की जरूरत है :- डॉक्टर आर . कुमार अनुपम शिशु रोग विशेषज्ञ

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बेतिया /मझौलिया से राजू शर्मा की रिपोर्ट ।।

बेतिया/मझौलिया। अखाड़ा प्रणाली भारतीय धर्म संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल धर्म की रक्षा करता है, बल्कि समाज को आपसी भाईचारा, एकजुट करने और मार्गदर्शन प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उक्त बातें महाबीरी अखाड़ा सतभीड़वा में मेला के पूर्व संध्या हनुमान आराधना के दौरान मझौलिया मुखिया सत्य प्रकाश में कहीं । उन्होंने कहा कि लगभग 10 वर्षों से लगातार मलंग बाबा 55 आर . डी के पावन प्रांगण में मेला का आयोजन होते आया है। जिसमे सभी ग्रामीणों के सहयोग से उक्त मेला का आयोजन शांति पूर्ण ढंग से किया जाता है।आखाड़े में बिहार , यूपी , राजस्थान, नेपाल के पहलवान कुश्ती के दाव पेच दिखाते है । विजेता पहलवानों को सम्मानित भी किया जाता है । इस अवसर पर महाबीरी झंडा भी निकाला जाता है । जो पूरे पंचायत की परिक्रमा करता है।

आयोजित कार्यक्रम के दौरान भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष सह मझौलिया मुखिया सत्य प्रकाश ने नगर निकाय प्रकोष्ठ बेतिया के क्षेत्रीय प्रभारी युवा नेता राहुल कुमार व प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आर कुमार अनुपम को अंग वस्त्र प्रदान करते हुए सम्मानित किया साथ ही शौर्य के प्रतिक तलवार भेंट कर मान बढ़ाया। भाजपा के युवा नेता राहुल कुमार ने कहा कि पर्व त्यौहार खेलकूद कुश्ती महावीर अखाड़ा आपसी प्रेम और सौहार्द कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। युवाओं को अपनी सभ्यता और संस्कृति के प्रति समर्पित होने की भावना जगाता है। युवाओं के दिल में अपने देश और धर्म के प्रति मजबूती प्रदान करता है। दिलों के अंदर जोश पैदा करते हुए अपनी सभ्यता और संस्कृति के प्रति हर सहयोग और समर्पण को जागृत करता है। उन्होंने आयोजन समिति के सदस्यों को प्रतिवर्ष इस तरह के आयोजन करने के लिए बधाई देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया।अपने संबोधन में डॉक्टर आर कुमार अनुपम ने कहा कि मलंग बाबा के पावन स्थल पर आयोजित होने वाला मेला और महावीर अखाड़ा हमारे युवाओं के लिए जोश उमंग और शौर्य तथा उत्साह को पैदा करता है। उन्होंने कहा कि मेेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर व विरासत के प्रतीक हैं। इन्हें सहेज कर रखने की जरूरत है। मेलों के माध्यम से धार्मिक आस्था के साथ-साथ आपसी प्रेम व भाईचारे की भावना विकसित होती है। प्राचीन परंपराओं को याद दिलाता है। कुश्ती एक शारीरिक शक्ति को दर्शाने वाला खेल है जिसमें पहलवान अपने-अपने दांव पेंच को आजमाते हैं और प्रतिद्वंदियों को धूल चटाते हैं। इस मेले का सबसे बड़ा खुबी है कि इसमें हिंदू और मुस्लिम एक साथ मिलजुल कर इस आयोजन में भागीदारी लेते हैं तथा समर्पित भाव के साथ संपन्न कराते हैं। यह मेल हिंदू मुसलमान एकता का प्रतीक है ।इससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।


इस अवसर पर सोनेलाल बाबा और उनकी हनुमान आराधना मंडली द्वारा प्रदर्शित झांकी कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र बिंदु बना रहा। कलाकार रोशनी सरगम राजू पाठक द्वारा भक्ति गीतों पर झुमा दिया गया। आयोजन समिति के अध्यक्ष भोला पासवान ने बताया कि सूबे की पशु एवं मत्स्य विभाग की मंत्री रेणु देवी द्वारा गुरुवार को मेले का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा । जिसमें भाजपा के सांसद विधायक और क्षेत्रीय नेता सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल रहेंगे। इस अवसर पर पूर्व पार्षद लालमति देवी, अधिवक्ता आशिक अंसारी, मुन्ना सिंह, धीरज चौरसिया, कृष्ण मोहन चौरसिया, रूपेश कुमार पांडे, विनोद चौरसिया ,शंभू भारती, वजीर अहमद, वार्ड सदस्य अलीराज हुसैन ,अनवर मियां, आरिफ हुसैन ,राम जन्म पासवान, पूर्व फौजी धुरूप बैठा, सगीर आलम कृष्ण कुमार, मनोज महतो , दिनेश मुखिया, आचार्य पप्पू पांडे आदि मौजूद थे।

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