




जंगलों का सैर कराने वाले नेचर गाइड व चालक के सामने रोजी- रोटी का संकट, वीटीआर में पर्यटन का मौसम आमतौर पर अक्टूबर से जून तक चलता है।
जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,
बेतिया/वाल्मीकिनगर। पर्यटन सत्र समाप्त होने के बाद से वीटीआर के नेचर गाइड व चालक बेरोजगार हो गए हैं, क्योंकि उनकी नौकरी मुख्य रूप से पर्यटकों की संख्या पर निर्भर करती है। जब पर्यटन का मौसम खत्म हो जाता है, तो नेचर गाइड व चालक तीन माह के लिए बेरोजगार हो जाते है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि नेचर गाईड पर्यटकों को प्रकृति और वन्यजीवों के बारे में जानकारी देने का काम करते हैं। वे आमतौर पर वीटीआर में काम करते हैं, जहां वे पर्यटकों को प्रकृति के एवं वन्यजीवों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं, और प्रकृति के संरक्षण के महत्व को समझाते हैं। वीटीआर में
पर्यटन का मौसम आमतौर पर अक्टूबर से जून तक चलता है। इस दौरान, पर्यटकों की संख्या अधिक होती है, और नेचर गाइड व चालक को काम मिलता रहता है। हालांकि, जब पर्यटन सत्र समाप्त हो जाता है, तो पर्यटकों की आवक बंद हो जाती है, और नेचर गाइड एवं चालक के लिए काम भी बंद हो जाता है। कुल मिलाकर, नेचर गाइड व चालक की नौकरी मौसमी होती है, और पर्यटन सत्र समाप्त होने के बाद वे बेरोजगार हो जाते हैं। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद होने से 27 नेचर गाइड एवं आधा दर्जन चालक बेरोजगार हो गए हैं। जंगलों का सैर कराने वाले गाइड व चालक के सामने रोटी का संकट आ गया है। पर्यटन से इनकी रोजी रोटी चलता थी। लेकिन पर्यटन समाप्ति के पश्चात जंगलों का सैर कराने वाले नेचर गाइड व चालक के सामने रोजी- रोटी का संकट आ गया है।
पर्यटकों के बिना सूना है जंगल कैंप
बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व अपने अंदर कई प्राकृतिक सौंदर्य व रहस्यों को समेटे है। यहां बरसात में तीन माह को छोड़ दिया जाए तो वर्ष भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन पर्यटकों के बिना फिलहाल सब सूना पड़ा है।