पर्यटन सत्र समाप्ति के कगार पर, अब वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के होंगे और पुख्ता इंतजाम।

0
256



Spread the love

जिला ब्यूरो विवेक कुमार सिंह

बेतिया/वाल्मीकिनगर। वर्षाकाल में शिकार की संभावना को देखते हुए वीटीआर में आपरेशन मानसून को अमली जामा पहनाया जा रहा है। वीटीआर में शिकारियों का खतरा सबसे अधिक रहता है। इसलिए ऑपरेशन मानसून ज्यादा सख्ती से लागू किया जा रहा है।

सख्त निर्देश और गश्त

वनकर्मियों को गश्त के कड़े निर्देश दिए गए हैं। इस बार मानसून के दौरान गश्त में कोई ढिलाई नहीं होगी।

ऑपरेशन मानसून केवल एक रूटीन गश्त नहीं है। यह वन्यजीवों की रक्षा के लिए एक सख्त और जरूरी कदम है। खासकर तब, जब बरसात के कारण जंगल शांत और संवेदनशील हो जाते हैं।

ऑपरेशन मानसून क्या है

हर साल मानसून के दौरान वीटीआर पर्यटकों के लिए बंद रहता है। इसी समय शिकारियों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं।

ऐसे में वीटीआर प्रशासन ऑपरेशन मानसून के तहत विशेष निगरानी और गश्त का संचालन करता है। करीब 500 वनकर्मियों को तैनात किया गया है। वनकर्मी जंगलों में पैदल गश्त करेंगे। बताते चलें कि वर्षाकाल में वन्यजीवों की सुरक्षा वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है। वन्यजीवों को तस्करों एवं शिकारियों से बचाने के लिए ऑपरेशन मानसून की कवायद शुरू की जाती है। वाल्मिकी टाइगर रिजर्व की सीमा उत्तर प्रदेश एवं नेपाल से लगती है। जिस कारण यह क्षेत्र संवेदनशील माना जाता हैं। वर्षाकाल में शिकार की संभावना बढ़ जाती हैं क्योंकि नदी-नालों में उफान आने के कारण वन्यप्राणी पानी से घिर जाते हैं। आमतौर पर मांस के लिए शाकाहारी वन्यप्राणियों का शिकार किया जाता है। पर कई बार बाघ और तेंदुआ भी शिकार बन जाते हैं। अब टाइगर रिजर्व प्रशासन मानसून सीजन के दौरान वन एवं वन्यजीवों को शिकारियों एवं वन अपराधियों की कुदृष्टि से बचाने के लिए ऑपरेशन मानसून शुरू करने जा रहा है। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। जंगल समेत संवेदनशील क्षेत्रों में ऑपरेशन मानसून के सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।

बरसात के दौरान जंगली मार्गों पर जगह-जगह जलभराव एवं कीचड़ हो जाती है। जंगल मार्गों के कच्चे होने के कारण वाहनों का आवागमन भी बाधित हो जाता है। घास की ऊंचाई बढ़ने से जंगल क्षेत्रों में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वनकर्मियों को जंगल क्षेत्र में गश्त करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मानसून सीजन के दौरान सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन वन एवं वन्यजीवों को शिकारियों एवं वन अपराधियों से बचाने के लिए ऑपरेशन मानसून विशेष सुरक्षा अभियान शुरू करने जा रहा है। ऑपरेशन मानसून की रुपरेखा लगभग तैयार की जा चुकी है।

चप्पे-चप्पे पर रहेगी पैनी नजर

मानसून सीजन के दौरान जंगल क्षेत्र समेत संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जाएगी। इन क्षेत्रों में गश्त पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शिकारियों समेत वन अपराधियों पर भी पैनी नजर रखी जाएगी।इस बाबत सीएफ नेशामणि ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान वन एवं वन्यजीव अपराध की गतिविधियां बढ़ने की आशंका रहती है। इसी के मद्देनजर विशेष सुरक्षा अभियान शुरू किया जाएगा। इसकी रूपरेखा तैयार हो चुकी है। जल्द ही इसे धरातल पर उतारा जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here