एसएसबी जवानों एवं वनकर्मियों के साथ शुरू हुई संयुक्त पेट्रोलिंग।

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वन्यजीव अपराध एवं वन संपदा सुरक्षा को लेकर विभाग की मुहिम

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह,

बेतिया/वाल्मीकिनगर। मानसून सत्र के शुरुआत के साथ ही एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) एवं वन विभाग के टीम द्वारा गुरुवार की सुबह जटाशंकर चेक नाका से कौलेश्वर मंदिर तक पेट्रोलिंग की गई। इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि संयुक्त गश्त का मुख्य उद्देश्य भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी, अवैध गतिविधियों और वन्यजीवों की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना है। यह गश्त सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में मदद के साथ साथ सहयोग और समन्वय को भी बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नेपाल सीमा और उत्तर प्रदेश सीमा से लगे वन क्षेत्रों में वन्यजीवों के शिकार की संभावना बनी रहती है। इसके मद्देनजर इन्डो- नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों के साथ गश्त बढ़ाई गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से सटे वन क्षेत्रों में वनकर्मी संयुक्त रूप से अभियान चलाकर जंगलों में प्रवेश करने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर बनाए हुए हैं।

तस्करी और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण

वन विभाग और एसएसबी की संयुक्त गश्त का उद्देश्य सीमा पार से होने वाली तस्करी, जैसे कि शराब ,मवेशी, अवैध पातन, और अन्य अवैध वस्तुओं की तस्करी को रोकना है। भारत नेपाल का सीमा खुला हुआ है। सीमा खुला होने के कारण तस्कर गंडक नदी के रास्ते तस्करी एवं अशांति फैलाने में सफल ना हो, इसके लिए गंडक नदी से सटे वन क्षेत्र में लगातार सुरक्षा कर्मियों के साथ वन विभाग की टीम पेट्रोलिंग करती रहती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में वन्यजीवों की सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। संयुक्त गश्त वन्यजीवों के शिकार और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करती है। कुछ दिनों के अंदर पर्यटन सत्र समाप्ति की घोषणा भी होने वाली है। इससे पूर्व वन क्षेत्र में वनकर्मियों एवं सुरक्षा कर्मियों द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही है। यह गश्त न केवल सुरक्षा बलों के बीच सहयोग बढ़ाती है, बल्कि भारत नेपाल के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को भी मजबूती प्रदान करता है। साथ ही सूचनाओं के आदान-प्रदान में भी सहयोग प्राप्त होता है।

संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण

संयुक्त गश्त के दौरान, दोनों विभागों के सदस्य संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण कर आवश्यक रणनीति बनाते हैं। इससे सीमा सुरक्षा के साथ-साथ वन एवं वन्य जीव सुरक्षा में भी सहयोग मिलता है।नियमित गश्त के बाबत एसएसबी 21 वीं वाहिनी गंडक बराज के एएसआई भगवान सिंह ने बताया कि
यह गश्त नियमित रूप से की जाती है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था हमेशा चौकस रहे। गुरुवार को हुई पेट्रोलिंग में वन विभाग के वनरक्षी ओमप्रकाश सिंह, मोहम्मद इदरीश, बेनीलाल, अमित कुमार बैठा सहित अन्य जवान शामिल रहे।एसएसबी और वन अधिकारियों के साथ प्रभावी समन्वय पर्यावरण संरक्षण और सीमा सुरक्षा के प्रति उनकी निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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