प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर वैश्विक समस्या: श्रीनिवास नवीन।

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प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के उद्देश्य से जागरूकता रैली का आयोजन, तीन आर’ रिडयुस, रियूज़, रिसाइकिल के सिद्धांतों का पालन करें।

जिला ब्यूरो, विवेक कुमार सिंह

बेतिया/वाल्मीकिनगर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वीटीआर प्रशासन के सौजन्य से प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने, सतत पर्यावरण को बढ़ावा देने और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। 5 जून को “विश्व पर्यावरण दिवस” तक चलने वाले इस सतत अभियान का लक्ष्य स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए विभिन्न कदम उठाना है। जागरूकता अभियान के तहत प्लास्टिक के उपयोग को कम करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस वर्ष की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” है, जिसका मतलब सिर्फ एक अभियान नहीं है, बल्कि इसे आचरण का एक अभिन्न अंग बनाना है। इस अवसर पर वाल्मीकि नगर रेंजर श्रीनिवास नवीन ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण आज के समय में एक गंभीर वैश्विक समस्या बन चुका है, जो न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है बल्कि मानव जीवन, वन्यजीवों और समुद्री जीवों के लिए भी घातक सिद्ध हो रहा है। प्लास्टिक एक ऐसा कृत्रिम पदार्थ है जो प्राकृतिक रूप से बहुत धीमी गति से विघटित होता है। इसका अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग, विशेष रूप से एकल प्रयोग प्लास्टिक, जैसे कि थैलियाँ, बोतलें, स्ट्रॉ, और पैकेजिंग सामग्री, हमारे चारों ओर कचरे के रूप में इकट्ठा हो जाता है। यह कचरा मिट्टी की उर्वरता को घटाता है और जल स्रोतों को प्रदूषित करता है।

उन्होंने कहा कि समुद्री जीव जैसे कि कछुए, मछलियाँ और पक्षी अक्सर प्लास्टिक को भोजन समझकर खा लेते है। जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा, जब प्लास्टिक छोटे- छोटे टुकड़ों (माइक्रोप्लास्टिक) में टूट जाता है, तो वह जल और खाद्य श्रृंखला के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है, जैसे हार्मोन असंतुलन, कैंसर और पाचन तंत्र की परेशानियाँ उत्पन्न होना।सिंगल यूज़ प्लास्टिक मानव जीवन सहित पर्यावरण को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। प्लास्टिक जलाने पर यह वायुमंडल को भी प्रदूषित करता है और विषैली गैसें छोड़ता है। इस संकट से निपटने के लिए हमें ‘तीन आर’ रिडयुस, रियूज़, रिसाइकिल के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। आम लोगों को भी जागरूक होकर कपड़े या जूट की थैलियों का उपयोग करना चाहिए और प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली अपनानी चाहिए। मौके पर प्रभारी वनपाल राकेश कुमार, वनरक्षी रंजन कुमार, पिंटू पाल, प्रधान शिक्षिका सोनी देवी, शिक्षक विकास सिंह अंजना देवी आदि मौजूद रहे।

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