बेतिया। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार द्वारा भूकम्प सुरक्षा सप्ताह 15 से 21 जनवरी 2023 तक मनाया जा रहा है। इस दौरान जिले के विभिन्न स्थलों पर जाकर अधिकारियों, कर्मियों, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, आमजनों को भूकम्प से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है तथा मॉक ड्रिल भी कराया जा रहा है। इसी कड़ी में आज समाहरणालय के सभी अधिकारियों, कर्मियों को भूकम्प सुरक्षा सप्ताह अंतर्गत भूकम्प से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा मॉक ड्रिल भी कराया गया। इसके साथ ही अग्निशमन कार्यालय द्वारा आग से बचाव हेतु किये जाने वाले उपायों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। मॉक ड्रिल के दौरान जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार, उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, श्री राजीव कुमार सिंह, श्री अनिल राय सहित समाहरणालय के सभी कार्यालय के कार्यालय प्रधान, कर्मी एसडीआरएफ के अधिकारी, जवान आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के तहत सभी को जागरूक करने का कार्य महत्वपूर्ण है। भूकम्प आपदा के समय किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। आपदा प्रबंधन विभाग भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के तहत बेहतर तरीके से प्रशिक्षण, मॉक ड्रिल कराएं। मॉक ड्रिल के समय आपदा प्रबंधन विभाग तथा अग्निशमन अधिकारी द्वारा पूरी सावधानी बरती जाय ताकि किसी भी प्रकार की हताहत ही स्थिति नहीं बनें। उन्होंने निर्देश दिया कि समाहरणालय, ऑफिसर्स कॉलोनी सहित जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में फॉयर सेफ्टी की समुचित व्यवस्था की जाय ताकि विषम परिस्थिति में जान-माल की क्षति नहीं होने पाए। एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) के अधिकारियों द्वारा भूकम्प से बचाव के लिए क्या करे, क्या न करें के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। उनके द्वारा बताया गया कि पश्चिम चम्पारण जिला भूकंपीय क्षेत्र 04 के अंतर्गत आता है। इसलिए यहां भी भूकम्प से बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, की जानकारी होनी चाहिए। उनके द्वारा बताया गया कि भूकम्प से पहले झुको, ढ़को और पकड़ो, भूकम्प के समय मजबूत टेबुल या ऊंचे पलंग के नीचे छिप जाएं, गिरने वाले चीजों से दूर रहें, कमरे के अंदरूनी कोने के पास रहें, यदि सिनेमा घर/मॉल/अपार्टमेंट/कार्यालय में हों, तो अपनी जगह पर शांत रहें, झटका रूकने पर, क्रम से बाहर निकलें। उनके द्वारा बताया गया कि भूकम्प के बाद गैस सिलिन्डर बन्द करें, विद्युत मेन स्वीच ऑफ करें, बिजली पोल, विज्ञपन बोर्ड, पेड़ से दूर रहें, लिफ्ट का उपयोग न करें। उनके द्वारा बताया गया कि भूकम्प के समय अपने आसपास सुरक्षित स्थानों की पहचान कर लें एवं कमरे के अंदरूनी किनारे के पास रहें। गिरने वाली चीजों से दूरी बनाए रखें, सिर को पहले बचाएं। बिजली पोल, निर्माणाधीन मकान, पेड़, टेलीफोन खंभे के पास न जाएं एवं भगदड़ की स्थिति में बिल्कुल न आएं। इस क्रम में बताया गया कि भूकम्प के दौरान कमजोर मकानों के ढ़हने से जान-माल की क्षति होती है, इसलिए भूकम्परोधी मकान बनायें। इस दौरान कुछ बातों का अनुपालन करना आवश्यक है। निर्माण हेतु बालू एवं गिट्टी को पॉलिथीन शीट से ढ़क कर रखें। ईंट को जोड़ने से पहले 04 से 06 घंटे तक साफ पानी में डुबा कर रखें। दीवारों के जोड़ पर, बैंड में छड़ को सही तरीका से बांधें। दो ईंटों के बीच 10 से 12 एमएम का गैप रखें, गैप में पूरा-पूरा मसाला भरें। स्टील छड़ों को कंक्रीट के अंदर छुपाने के लिए, छड़ों के नीचे कभर ब्लॉक लगायें। कंक्रीट में पानी की उचित मात्रा को गोला बनाकर जांच लें। मॉक ड्रिल के दौरान स्टेप 01 से लेकर स्टेप 08 तक की विस्तृत जानकारी यथा-अलार्म, ड्रॉप, कभर, होल्ड, निकास, एकत्रित होने के लिए सुरक्षित स्थल, गिनती, खोज, बचाव, फर्स्ट एड, अंतिम गिनती, पीड़ित व्यक्ति को एंबुलेंस/अस्पताल तक पहुंचाना आदि से अवगत कराया गया।
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