टूर पैकेज पर आए पर्यटकों का हुआ जोरदार स्वागत

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थरुहट के जनजातीय समुदाय के पारंपरिक डांडिया, झरका और झुमरा नृत्य की शानदार प्रस्तुति

वाल्मीकि नगर से विवेक कुमार सिंह की रिपोर्ट…

वाल्मीकिनगर। वाल्मीकिनगर रेंज में वन भ्रमण पर आए पटना और औरंगाबाद के पर्यटकों के मनोरंजन के लिए वन विभाग के तरफ से शनिवार की रात विशेष मनोरंजन की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान वाल्मीकिनगर की सुंदरता को नजदीक से निहारने के लिए बिहार के औरंगाबाद जिले के पर्यटकों के साथ आए पटना के लगभग 15 सैलानियों के लिए थरूहट के जनजातीय समुदाय में होने वाले पारंपरिक लोक नृत्य की प्रस्तुति की गई। इस बार थरूहट के कटैया के रहने वाले महिला एवं पुरुष कलाकारों द्वारा डांडिया, झरका और झुमरा नृत्य की प्रस्तुति हुई।जिसका नेतृत्व लोक नृत्य स्टार ठगई महतो ने किया। झरका और झुमरा नृत्य की प्रस्तुति में भाग्या कुमारी, रंजना महतो, चंद्रप्रभा कुमारी,लक्ष्मी महतो, पारस महतो, पृथ्वीराज एवं संजय महतो ने अपनी कला का प्रदर्शन कर उपस्थित सैलानियों का मन मोह लिया। वाल्मीकि विहार परिसर में प्रस्तुत किए गए डांडिया झरका और झुमरा नृत्य के दौरान उपस्थित सैलानियों ने कलाकारों के साथ सेल्फी ले उनकी याद अपने साथ लेकर गए। हारमोनियम की सुर एवं ढोलक के थाप पर प्रस्तुत किया गया झरका का नृत्य जंगल कैंप में आने वाले सैलानियों के मनोरंजन के लिए बेहद ही रोमांचक रहा।

डांडिया, झरका और झमटा नृत्य में ये है समानता

आदिवासी समुदाय के पारंपरिक लोक नृत्य में चार प्रकार के नृत्यों का प्रदर्शन किया जाता है। इसके बारे में बताते हुए थरुहट के स्टार कलाकार ठगई महतो ने बताया कि झमटा नृत्य फसल बुआई के समापन पर ,जिस किसान के फसल की बुआई, (रोपनी) पहले समाप्त होता है, वहां गांव की महिलाएं एवं पुरुष पहुंचकर झमटा नृत्य करती हैं, और सगुन रुप में इनाम लेती हैं, जबकि झरका नृत्य विशिष्ट अतिथियों के आगमन के दौरान प्रस्तुत किया जाता है। वहीं डांडिया नृत्य में फिल्मी गीतों की प्रस्तुति के साथ नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है। जिसमें लकड़ी के डंडे की विशेष महत्व होती है।

पटना के ये पर्यटक वाल्मीकिनगर यात्रा में रहे शामिल

21 अक्टूबर से वन विभाग द्वारा शुरुआत किए गए पर्यटन सत्र में यह सातवां मौका है, जब आये हुए विशिष्ट पर्यटकों के लिए डांडिया, झूमरा एवं झरका नृत्य की प्रस्तुति की गई हो। पटना और औरंगाबाद से आए पर्यटकों में मुख्य रूप से आशीष सिंह, उमेश सिंह,राकेश कुमार, राजकुमार प्रसाद, रामेश्वर सिंह, आस्था सिंह, कुमकुम सागर, कुलदीप कुमार के साथ अन्य लोग शामिल रहे। पटना के सैलानियों ने आदिवासियों द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य की सराहना एवं वन विभाग द्वारा दिए गए सम्मान की प्रशंसा की। टूर पर आए पर्यटकों ने जल जंगल पहाड़ के साथ-साथ यहां के धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर वाल्मीकिनगर की खूबसूरती को कैमरे में कैद कर अपने साथ ले गए।

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