वीर योद्धा तिलका मांझी की प्रतिमा का भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के सामने किया गया शिलान्यास।

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सुधीर कुमार सिंह जिला रिपोर्टर बांका सहयोगी रिपोर्टर नवनीत कुमार प्रखंड अमरपुर।

बिहार/बाँका। भारत देश में कई सौ वर्षो से अंग्रेजों के अत्याचार से जब देशवासी काफी उब चुके तो देश में कई वीर साहसी योद्धाओ को अंग्रेजों की गुलामी बर्दास्त नहीं होने लगा तभी अंग्रेजों के खिलाफ आदीवासी समाज के वीर सपूत स्वतंत्रता संग्राम के महानायक तिलका मांझी के द्वारा अपने तीन धनुष और तरकश लिए अंग्रेजों के विरुद्ध मैदान में उतर गए और देश को आजादी दिलाने को लेकर लड़ते लड़ते वीर गति को प्राप्त कर देश के सुनहरे पन्नो पर अपना नाम दर्ज कराया। भागलपुर के तिलका मांझी चौंक उनके नाम से प्रसिद्ध है और यहां तक ही नहीं चौंक पर धनुष बाण लिए एक विशाल मुर्तियां बनाई गयी है। उनके नामों एवं गुण गानों की चर्चा यही नहीं रुकीं उनके नाम से भागलपुर विश्वविद्यालय का नाम तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय रखा गया। दुसरी तरफ एक और बहुत बड़ी खुशखबरी रह है की आदीवासी वीर योद्धा तिलका मांझी की प्रतिमा का आज तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के सामने शिलान्यास किया गया। विश्व विद्यालय के कुलपति जवाहर लाल द्वारा विधिवत रुप से इस महान क्रांतिकारी वीर योद्धा का आधार शिला रखी गयी। इस अवसर पर कुलपति जवाहर लाल के द्वारा बताया गया की तिलका मांझी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पहले क्रान्तिकारी थे। जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ खुली चुनौती देते हुए संघर्ष किया। उनकी प्रतिभा युवाओं को प्रेरित करेगी और हमें अपने गौरवशाली इतिहास की याद दिलाएगी। आज के इस शिलान्यास समारोह में विश्व विद्यालय के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया। इस एतिहासिक महत्व पूर्ण कार्य को लेकर विश्व विद्यालय के कुलपति जवाहर लाल को प्रशासनिक पदाधिकारी जनप्रतिनिधियों छात्र छात्राओं के द्वारा काफी सराहना की गयी।

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